गिरगिट अंतोन चेखव
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गिरगिट पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ या व्यंग्य गिरगिट लेखक अंतोन चेखव जी के द्वारा लिखित है | इस पाठ के माध्यम से समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक व्यंग्यात्मकता प्रहार किया गया है | प्रस्तुत पाठ में इस बात का चित्रण करते हुए बताया गया है कि व्यक्ति किस तरह अपने पद का दुरूपयोग अपने स्वार्थ के लिए करता है |
आगे लेखक अंतोन चेखव जी कहते हैं कि चारों ओर खामोशी पसरी थी | इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव नया ओवरकोट पहने हाथ में बंडल लेकर बाज़ार के चौराहे के पास से गुजरा | उसके पीछे लाल बालोंवाला एक सिपाही हाथों में झरबेरी की टोकरियाँ लिए चला आ रहा था | दुकानों के दरवाजे खुले थे, लेकिन वहाँ आसपास कोई नजर नहीं आ रहा था | तभी उसी क्षण यकायक ओचुमेलॉव के कानों में एक ध्वनि गूँजी — ‘तो तू काटेगा ? तू ? शैतान कहीं का ! ओ छोकरों ! इसे मत जाने दो | पकड़ लो इस कुत्ते को…|’ तत्पश्चात्, उसे कुत्ते की किकियाने की आवाज़ सुनाई पड़ी | जिधर से आवाज़ आई थी, ओचुमेलॉव उस दिशा की तरफ़ घुमा और देखा कि व्यापारी पिचुगिन के काठगोदाम में से एक कुत्ता तीन टाँगों के बल पर रेंगता हुआ चला आ रहा है | उस कुत्ते के पीछे एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आ रहा था | तत्पश्चात्, वह कुत्ते की टांगें पकड़कर फिर चीखा — ‘मत जाने दो |’ इस आवाज़ को सुनकर भीड़ काठगोदाम घेरकर खड़ी हो गई | ओचुमेलॉव भी मुड़कर भीड़ की ओर चल पड़ा | आगे लेखक कहते हैं कि वहाँ एक आदमी अपना दायां हाथ उठाए उपस्थित था, जो बिना बटन वास्केट पहने था | वह आदमी वहाँ मौजूद लोगों को उंगलियाँ दिखा रहा था | वह आदमी ख्यूक्रिन नामक सुनार था, जिसे ओचुमेलॉव ने देखते ही पहचान लिया | तत्पश्चात्, भीड़ को भेदते हुए ओचुमेलॉव ने पूछा — यह सब क्या हो रहा है ? तुम सब लोग इधर क्या कर रहे हो ? ऊँगली ऊपर क्यों उठा रखी है ? चिल्ला कौन रहा था ?
ओचुमेलॉव को जवाब में ख्यूक्रिन ने कहा — “जब मैं मित्री मित्रिच से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाने के लिए चुपचाप चला जा रहा था, तब इस कुत्ते ने बेवजह मेरी ऊँगली काट दी | मेरा काम कठिन है, मुझे लगता है अब एक सप्ताह तक मेरी ऊँगली काम नहीं कर पाएगी इसलिए हुजूर मुझे इस कुत्ते के मालिक से हरजाना दिलवा दीजिए | यह किसी कानून में नहीं लिखा है कि आदमखोर जानवर हमें काट खाएं और हम इन्हें छोड़ते या माफ करते रहें |”
आगे लेखक कहते हैं कि ओचुमेलॉव ने कुत्ते के मालिक को सजा देने के उद्देश्य से पीछे मुड़ा और अपने सिपाही को संबोधित करते हुए कहा — येल्दीरीन पता लगाओ, यह कुत्ता किसका है और इससे संबंधित पूरी रिपोर्ट तैयार करो | इस कुत्ते को मार दो | इतने वहीं भीड़ से आवाज़ आई — शायद यह कुत्ता जनरल झिगालॉव का है | ओचुमेलॉव ने जनरल झिगालॉव का नाम जैसे सुना उसे गर्मी लगने लगी | तत्पश्चात्, उसने अपना कोट उतारते हुए ख्यूक्रिन को संबोधित करते हुए कहता है कि मुझे समझ में नहीं आता है कि आख़िर इतना छोटा जानवर तेरी ऊँगली को कैसे काट सकता है ? लगता है तेरी ऊँगली में कील गड़ी होगी और तू यह दोष इस कुत्ते पर मढ़ रहा है | ओचुमेलॉव अपने सिपाहियों की तरफ़ देखते हुए कहता है कि जरूर इसी ने कुत्ते के साथ शरारत की होगी | तभी उसके सिपाही येल्दीरीन भी ओचुमेलॉव की बातों में हाँ में हाँ मिलाता है | लेकिन अगले ही पल जैसे ही ख्यूक्रिन ओचुमेलॉव से कहता है कि उसका एक भाई पुलिस में है | वैसे ही सिपाही कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं हो सकता क्योंकि उनके सभी कुत्ते पोंटर हैं | तभी सिपाही की बात को समर्थन देते हुए ओचुमेलॉव भी कहता है कि जनरल साहब के कुत्ते महँगे और ऊँची नस्ल के हैं | यह मरियल सा कुत्ता उनका नहीं हो सकता |
तत्पश्चात्, पुनः ओचुमेलॉव कुत्ते को सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाता है | लेकिन पुनः जब उसका सिपाही गंभीरता से सोचते हुए कहता है कि ऐसा कुत्ता कल ही मैंने जनरल साहब के आँगन में देखा था, हो सकता है, यह कुत्ता उन्हीं का हो | फिर से भीड़ में से भी आवाज़ आती है — यह कुत्ता जनरल साहब का ही है | ओचुमेलॉव का मन फिर बदल जाता है | अब ओचुमेलॉव को ठंड लगने लगती है और वह अपने सिपाही को कोट पहनाने में मदद करने बोलता है | ओचुमेलॉव सिपाही को संबोधित करते हुए बोलता है कि जनरल साहब के पास ले जाकर पता लगाओ कि यह कुत्ता उनका है कि नहीं | उनसे कहना मैंने इसे उनके पास भेजा है | तत्पश्चात्, ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को भद्दा प्राणी कहते हुए उसे ऊँगली नीचे करने का हुक्म देता है |
इतने में जनरल साहब का बावर्ची प्रोखोर का आगमन होता है | ओचुमेलॉव जनरल साहब के बावर्ची प्रोखोर को आवाज़ देकर बुलाता है और पूछता है कि कुत्ता जनरल साहब का है ? जवाब में प्रोखोर बोलता है कि ऐसा कुत्ता उसने कई जिंदगियों में नहीं देखा है | प्रोखोर की बात सुनते ही ओचुमेलॉव पुनः पैतरा बदलता है और कहता है कि
मैंने तो पहले ही कहा था इस आवारा कुत्ते को मार दिया जाए | इतने में बावर्ची प्रोखोर फिर से कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का तो नहीं है, लेकिन उनके भाई हैं, जो अभी यहाँ पधारे हैं | उन्हें ‘बारजोयस’ नस्ल के कुत्ते बहुत पसंद हैं | बावर्ची प्रोखोर का इतना बोलना था कि ओचुमेलॉव का रंग और व्यवहार फिर बदल गया | ओचुमेलॉव ने अपने चेहरे पर ख़ुशी का भाव लाते हुए कहा कि जनरल साहब के भाई वाल्दीमीर इवानिच पधारे हैं और मुझे पता तक नहीं ! ओचुमेलॉव पुनः कुत्ते के प्रति सकारात्मक भाव प्रकट करते हुए कहता है कि कितना सुन्दर डॉगी है ! बहुत खूबसूरत पिल्ला है | वहाँ मौजूद भीड़ ख्यूक्रिन की हालत पर हँस पड़ी | ओचुमेलॉव ने भी ख्यूक्रिन को धमकाकर अपने रास्ते चल पड़ा…||
अंतोन चेखव का जीवन परिचय
प्रस्तुत पाठ के लेखक अंतोन चेखव जी हैं | इनका जन्म दक्षिणी रूस के तगनोर नगर में 1860 में हुआ था | इन्होनें अपने शिक्षा काल के दौरान ही कहानियाँ लिखने की शुरुआत कर दी थी | रूस के लिए उन्नीसवीं सदी का नौवाँ दशक बहुत कठिन दौर था | इस दौर में स्वतंत्र ख्याल रखने से ही लोग शासन के दमन का शिकार हो जाया करते थे | इसी दौरान लेखक अंतोन चेखव जी ने उन मौकापरस्त लोगों को बेनकाब करती कहानियाँ लिखीं, जिनके लिए पद और पैसा ही सब कुछ था |
सत्य के प्रति आस्था और निष्ठा ही अंतोन चेखव की धरोहर है | यही कारण है कि चेखव जी संसार के चहेते लेखक माने जाते हैं | अंतोन चेखव की –
गिरगिट पाठ question answers
प्रश्न-1 काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, ख्यूक्रिन नामक एक व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया था | उसने कुत्ते की टांग को पकड़कर चीखा — “मत जाने दो” | ख्यूक्रिन के चीखने की आवाज़ सुनते ही भीड़ इकट्ठी हो गई थी |
प्रश्न-2 उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता ?
उत्तर- वास्तव में, ख्यूक्रिन का काम थोड़ा पेचीदा और कठिन था | उँगुली के बिना कोई काम वह नहीं कर पाता | इसलिए उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान होता |
प्रश्न-3 बाज़ार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, बाज़ार के चौराहे पर ख़ामोशी इसलिए थी क्योंकि उस रास्ते पर एक भ्रष्ट पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव गुजर रहा था | ओचुमेलॉव जबर्दस्ती वसूली करने के लिए जाना जाता था |
प्रश्न-4 ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की यह दलील दी कि उसका काम पेचीदा है | लगभग हफ़्ते भर वह काम नहीं कर पाएगा, जिससे उसका बहुत नुक़सान होगा |
प्रश्न-5 येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि यह बदमाश व्यक्ति है | जरूर इसी ने जलती सिगरेट कुत्ते की नाक में डाली होगी, वरना बिना मतलब कुत्ता किसी को काटता नहीं है |
प्रश्न-6 ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है’ ?
उत्तर- ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश इसलिए भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है’ , क्योंकि ओचुमेलॉव एक चापलूस सिपाही था | वह जनरल साहब को खुश करना चाहता था | साथ ही वह अपने प्रति जनरल साहब के मन में एक बेहतर इंस्पेक्टर की छवि बनाना चाहता था |
प्रश्न-7 किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी — ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी — ऐसा ओचुमेलॉव ने इसलिए कहा, क्योंकि ओचुमेलॉव एक चापलूस किस्म का सिपाही था | ख्यूक्रिन की उँगली कटती है तो वह कुत्ते के मालिक के बारे में बुरा-भला कहता है, लेकिन ज्यों ही उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब या उनके भाई का है | वह तुरन्त अपने पूर्व व्यवहार के विपरीत हो जाता है | तत्पश्चात्, ख्यूक्रिन को ही दोषी मानने लगता है और उल्टा उसे ही कोसने लगता है |
प्रश्न-8 ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए |
उत्तर- ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं —
• ओचुमेलॉव एक दोहरे व्यक्तित्व व्यक्ति था |
• ओचुमेलॉव स्वार्थी और मौकापरस्त व्यक्ति था |
• ओचुमेलॉव को भ्रष्टाचारी की संज्ञा भी दें तो अतिशयोक्ति नहीं होगा |
• ओचुमेलॉव अवसरवादी किस्म का व्यक्ति था |
• लोगों पर अपना रौब जमाता था |
• ओचुमेलॉव अपने लाभ के लिए किसी के भी साथ अन्याय करता था |
प्रश्न-9 यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है — ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आया और क्यों ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है — ओचुमेलॉव के विचारों में यह परिवर्तन आया कि उसे वह कुत्ता सुंदर लगने लगता है | पहले उस कुत्ते को मारने की बात कहने वाला ओचुमेलॉव अब उस कुत्ते को ‘खूबसूरत नन्हे पिल्ले’ की संज्ञा देने लगता है तथा उसको जनरल साहब तक पहुँचाने के लिए कहने लगता है | ओचुमेलॉव ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह जानता था कि यह खबर जनरल साहब तक पहुँचेगी तो वे उसपर खुश हो जाएँगे |
प्रश्न-10 ख्यूक्रिन का यह कहना कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है…..|’ समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है ?
उत्तर- ख्यूक्रिन का यह कहना कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है…..|’ यह कथन समाज की उस वास्तविकता की ओर संकेत करता है, जहाँ ये कहावत प्रमुखता से लागू होती है कि “जिसकी लाठी उसकी भैंस” | क्योंकि अगर आपके परिचित किसी उच्चे पद पर कार्यरत हैं तो आप अपनी बात प्रभावशाली ढंग से पेश कर सकते हैं | जान-पहचान के बलबूते लाभ उठाया जा सकता है |
प्रश्न-11 गिरगिट कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है ? क्या आप ऐसी विसगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं ? स्पष्ट कीजिए |
उत्तर- वास्तव में, ‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की विभिन्न विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है, जैसे
रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, अवसरवादिता, भाई-भतीजावाद आदि | इसमें कोई दो राय नहीं कि आदर्शों पर चलने वाला व्यक्ति ही मुसीबतें झेलता हुआ नजर आता है | लोग सच्चाई का साथ न देकर उच्चे पद पर पदस्थ लोगों की चापलूसी करते नजर आते हैं |
भाषा अध्ययन
प्रश्न-12 नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए —
(क) माँ ने पूछा बच्चों कहाँ जा रहे हो
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ .
उत्तर- (क) माँ ने पूछा “बच्चों कहाँ जा रहे हो |”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था |
(ग) हाय राम ! यह क्या हो गया ?
(घ) रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे |
(ङ) सिपाही ने कहा ‘ठहर तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ |’
प्रश्न-13 ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए |
उत्तर- ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य निम्नलिखित है —
• ही − तुम्हारे ही ख़ातिर मैं ज़िंदा हूँ |
• भी − तुम भी मेरे साथ चलो |
• तो − तुमने ही तो उसे पसंद किया था |
• तक − कल तक तुम चले आना |
गिरगिट पाठ के कठिन शब्द / शब्दार्थ
• बरदाश्त – सहना
• खँखारते – खाँसते हुए
• त्योरियाँ – भौंहें चढ़ाना
• विवरण – ब्योरा देना
• भद्दा – कुरूप
• नस्ल – जाति
• आल्हाद – ख़ुशी
• जब्त – कब्ज़ा करना
• झरबेरियाँ – बेर की एक किस्म
• किकियाना – कष्ट में होने पर कुत्ते द्वारा की जाने वाली आवाज़
• काठगोदाम – लकड़ी का गोदाम
• कलफ़ – मांड लगाया गया कपड़ा
• बारजोयस – कुत्ते की एक प्रजाति
• पेचीदा – कठिन
• गुज़ारिश – प्रार्थना
• हरज़ाना – नुक्सान के बदले में दी जाने वाली रकम |