क्लाइव के प्रशासनिक सुधार-Administrative Reforms of Clive

जब रॉबर्ट क्लाइव 1765 ई. में दूसरी बार बंगाल का गवर्नर बनकर आया तब उसने भारत की आन्तरिक परिस्थियों को सुधारने के लिए आवश्यक प्रयत्न किये। जिन्हें क्लाइव के प्रशासनिक सुधार के नाम से जाना जाता है। ये निम्नलिखित हैं।

 

1-क्लाइव ने कम्पनी के कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की भेंट या उपहार लेने पर रोक लगा दी।

2-क्लाइव ने “क्लाइव-कोष” की स्थापना की। इस कोष से उन भारतीय सिपाहियों और सैनिक अधिकारियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी, जो युद्ध में अंग-भंग हो जाते थे और सैनिक कार्य के अयोग्य हो जाते थे।

3-कम्पनी के कर्मचारी अपना निजी व्यापार करने लगे थे जिससे कम्पनी के व्यापार को बहुत हानि होती थी। क्लाइव ने कर्मचारियों के निजी व्यापार पर प्रतिबन्ध लगा दिया। इससे कम्पनी की व्यापारिक स्थिति में सुधार हुआ।

4-कर्मचारियों के निजी व्यापार पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद क्लाइव ने 10 अगस्त 1765 ई. में एक व्यापार समिति की स्थापना की। ताकि कर्मचारियों को प्रतिबन्ध के कारण होने वाली क्षति को पूरा किया जा सके। इस समिति को नमक, तम्बाकू एवं सुपारी के व्यापार का एकाधिकार दिया गया। इस समिति से होने वाली आय को कम्पनी के कर्मचारियों में उनके पद के अनुसार बाँट देने का प्रावधान किया गया। इस व्यवस्था से सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गये। यह एक संगठित लूट थी। इसके दुष्परिणाम देखकर कम्पनी के संचालकों ने 1768 ई. में व्यापार समिति को भंग करवा दिया।

5-क्लाइव ने बंगाल की प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के लिए बंगाल के बहुत से कर्मचारियों का स्थानांतरण मद्रास में किया तथा मद्रास से नये कर्मचारी बुलाकर बंगाल में नियुक्त किये। इससे बंगाल के प्रशासन में कुछ सुधार आया। यद्यपि कर्मचारियों ने इसका विरोध किया किन्तु उसने स्थिति पर नियन्त्रण पा लिया।

6-क्लाइव ने सैनिक सुधारों की ओर विशेष ध्यान दिया। उसने सैनिकों को शान्ति काल में मिलने वाला दोहरा भत्ता 1766 ई. में बन्द कर दिया। यह भत्ता केवल उन सैनिकों को दिया जाने लगा जो बंगाल और बिहार की सीमा से बाहर कार्य करते थे। इस निर्णय का अन्य अंग्रेज सैनिक अधिकारियों ने विरोध किया। जिसे “श्वेत विद्रोह” के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त क्लाइव ने सेना को तीन भागों में बांट दिया। एक भाग मुंगेर, दूसरा भाग बाँकीपुर (पटना), एवं तीसरा भाग इलाहाबाद में रखा।

Question. बंगाल में द्वैध शासन व्यवस्था को किसने लागू किया था?

Answer. रॉबर्ट क्लाइव ने

Question. बंगाल में दोहरे शासन का अन्त किसने किया था?

Answer. वारेन हेस्टिंग्स ने

Question. पर्सीबल स्पीयर ने “खुली और बेशर्म लूट” की संज्ञा किस व्यवस्था को दी थी?

Answer. द्वैध शासन व्यवस्था को

Question. सांगड़ी प्रथा क्या थी?

Answer. बंधुआ मजदूरी की परम्परा

Question. एलिजाह इम्पे ने बंगाल के नवाब “मुबारक-उद-दौला” को किसकी संज्ञा प्रदान की थी?

Answer. बेताल (फैन्टम) की

Question. श्वेत विद्रोह क्या था?

Answer. क्लाइव द्वारा 1766 ई. में सैनिकों को मिलने वाला दोहरा भत्ता बन्द कर दिया। इससे उसके ही अधिकारियों ने विद्रोह कर दिया। जिसे “श्वेत विद्रोह” की संज्ञा दी गयी।

You May Also Like