ऊर्ध्व सर्वांगासन – करने का तरीका और फायदे, Urdhva Sarvangasana in Hindi

Urdhva Sarvangasana

ऊर्ध्व सर्वांगासन (Urdhva Sarvangasana)

सर्व-अंग एवं आसन अर्थात सर्वांगासम। इस आसन को करने से सभी अंगों को व्यायाम मिलता है इसीलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं।

सर्वांगासम में सावधानी

  1. कोहनियाँ भूमि पर टिकी हुई हों और पैरों को मिलाकर सीधा रखें।
  2. पंजे ऊपर की ओर तने हुए एवं आँखें बंद हों अथवा पैर के अँगूठों पर दॄष्टि रखें।
  3. जिन लोगों को गर्दन या रीढ़ में ‍शिकायत हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।

सर्वांगासम के लाभ

  1. थायराइड एवं पिच्युटरी ग्लैंड के मुख्य रूप से क्रियाशील होने से यह कद वृद्धि में लाभदायक है।
  2. दमा, मोटापा, दुर्बलता एवं थकानादि विकार दूर होते है।
  3. इस आसन का पूरक आसन मत्स्यासन है, अतः शवासन में विश्राम से पूर्व मत्स्यासन करने से इस आसन से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

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