दीर्घ संधि की परिभाषा
- जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है।
- इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं।
- जैसे: पुस्तक + आलय : पुस्तकालय बनता है। यहाँ अ+आ मिलकर आ बनाते हैं।
दीर्घ संधि के कुछ उदाहरण :
- विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ)
जैसा कि आप ऊपर दिये गए दीर्घ संधि के उदाहरण में देख सकते हैं, दोनों स्वर मिलकर संधि करने पर परिवर्तन ला रहे हैं।
आ एवं
अ मिलकर
आ बना रहे हैं एवं संधि होने के बाद शब्द में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये स्वर हैं अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आयेगा।
- विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ)
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि जब
आ एवं
अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन्होंने
आ का निर्माण किया। जब संधि हुई तो मुख्य शब्द में संधि होने के बाद परिवर्तन की वजह से देखने को मिला। अतः यह दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा।
- परम + अर्थ : परमार्थ (अ + अ = आ)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि यहाँ पर संधि करते समय जब
अ एवं
अ दो स्वरों को मिलाया गया तो उन शब्दों ने मिलकर
आ बना दिया। जब संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन स्वरों कि वजह से आया। अतः यह दीर्ग संधि के अंतर्गत आएगा।
- कवि + ईश्वर : कवीश्वर (इ + ई = ई)
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं
इ और
ई ये दो स्वरों को मिलाया गया। जब संधि होते समय ये दो स्वर मिले तो इन्होने
ई बना दिया। जब शब्दों कि संधि की गयी तो मुख्य शब्द में परिवर्तन इन स्वरों कि वजह से देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा।
- गिरि + ईश : गिरीश (इ + ई = ई)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, जब
इ एवं
ई इन दोनों स्वरों को मिलाया गया तो इन स्वरों ने मिलकर दीर्घ
ई बनायी। जब शब्दों की संधि कि गयो तो इन स्वरों की वजह से परिवर्तन देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा।
- वधु + उत्सव : वधूत्सव (उ + उ = ऊ)
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते
उ एवं
उ ये दोनों स्वर संधि के समय मिले। जब इनकी संधि हुई तो बनने वाले शब्द में इन स्वरों कि वजह से परिवर्तन देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा।
- योजन + अवधि : योजनावधि (अ + अ = आ)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की
अ एवं
अ इन दोनों स्वरों को मिलाया गया। जब शब्दों की संधि की गयी तो संधि से बनने वाले शब्द में स्वरों के मेल से परिवर्तन देखने को मिला। अतः यह उदाहरण दीर्घ संधि के अंतर्गत आएगा।
दीर्घ संधि के कुछ अन्य उदाहरण :
- स्व + आधीन : स्वाधीन (अ + आ = आ)
- सर्व + अधिक : सर्वाधिक (अ + अ = आ)
- अंड + आकार : अंडाकार (अ + आ = आ)
- अल्प + आयु : अल्पायु (अ + आ = आ)
- आत्मा + अवलंबन : आत्मावलंबन (आ + अ = आ)
देखे हिन्दी की अन्य संधि
- स्वर संधि
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादि संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
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