निश्चित रूप से यह ताज प्रतिभा पाटिल जी को ही जायेगा। में कोशिश करूँगा की उनके किये हुए कारनामो को आप सभी तक पंहुचा सकूँ।
- प्रतिभा जी को विश्व भ्रमण का बहुत शौक था इतना ज्यादा की उन्होंने अपने कार्यकाल में 12 विदेश यात्राएं की और 22 देशो में गयी। उनके इस शौक को पूरा करने में भारत सरकार को 205 करोड़ रुपयों का चूना लगा।
- प्रतिभा जी का दिल तो दया का सागर था, इतना की अपने कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्होंने ३५ लोगो की सजाये मौत को माफ़ कर दिया। आपको यह बताता चलूँ की इन् लोगो में बलात्कारी, हत्यारे और अपहरणकर्त्ता शामिल थे।
- प्रतिभा जी एक पथ प्रदर्शक भी थी अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद उन्होंने बाकी के राष्ट्रपतियों के उलट अपने शहर पुणे में जाने का निर्णय लिया जहां पर उनके लिए 2,60,000 स्क्वायर फ़ीट में सरकारी जगह को घेर कर बंगले का निर्माण करवाया गया। आपको यह बता दूँ की यह ज़मीन सेना की विधवाओं के लिए थी।
- प्रतिभा जी ने अपनी खुद की तनख़्वा में 300 प्रतिशत की वृद्धि की।
- इतना सब होने पर भी ये कहाँ रूकने वाला था । अपने कार्यकाल की समाप्ती पर पिछले राष्ट्रपतियों को जो भी वस्तुएं (उपहार / ट्रॉफी / सम्मानजनक वस्तुएँ ) अन्य देशो और भारत में कहीं से भी मिली थी उनको ट्रक में भर कर ले गई थी ।
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