मत्स्यासन (Matsyasana)
मत्स्य का अर्थ होता है मछली, इस आसन के दौरान शरीर का आकार मछली जैसा बनता है, इसलिए इस आसान को मत्स्यासन नाम दिया गया है। अंग्रेजी में इसे फिश पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। जिन लोगो को कमर दर्द और गले से सम्बंधित समस्याए है, उन्हें यह आसान जरूर करना चाहिए।
मत्स्यासन करने की विधि
- मत्स्यासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम पद्मासन में बैठ जाए।
- अब पीछे की और झुखे और लेट जाये।
- फिर अपने दोनों हाथो को एक दूसरे से बांधकर सिर के पीछे रखे और पीठ के हिस्से को ऊपर उठाकर गर्दन मोड़ते हुए सिर के उपरी हिस्से को जमीन पर टिकाए।
- अब अपने दोनों पैर के अंगूठे को हाथों से पकडे और ध्यान रहे की कोंहनिया जमीन से सटी हुई हो।
- एक से पांच मिनिट तक अभ्यास करे।
- इस स्थिति में कम से कम 5 सेकंड तक रुके और फिर पूर्व अवस्था में वापिस आ जाये।
- यह आसन करते समय श्वसन की गति नियमित रखे, और 5 मिनट तक इस योग क्रिया का अभ्यास कर सकते है।
मत्स्यासन योग से मिलने वाले लाभ
- यह योग दमे के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।
- यह शुद्ध रक्त का निर्माण तथा संचार करता है।
- मधुमेह के रोगियों के लिए यह आसान बहुत फायदेमंद है।
- इसके अभ्यास से स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं।
- मत्स्यासन योग के नियमित अभ्यास से छाती और पेट के रोग दूर होते हैं।
- इस योग के अभ्यास से खाँसी दूर होती है और पाचन तंत्र सुधरता है।
- मत्स्यासन चेहरे और त्वचा को आकर्षक तथा शरीर को कांतिमान बना देता है।
- यह कब्ज दूर कर भूख बढ़ाता है तथा भोजन पचाता है और पेट की गैस दूर करता है।
- जो लोग अपने बड़े हुए पेट को कम करना चाहते है, उन्हें यह योग क्रिया को जरूर करना चाहिए।
योग क्या है, योग कैसे किया जाता है, योग कैसे काम करता है, विभिन्न बीमारियों को दूर करने के लिए योग कैसे करें, योग के क्या फायदे हैं, मोटापा दूर करने के लिए योग और योग के अन्य फायदों के बारे में अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें- योग के प्रमुख आसन और उनके लाभ, Yoga Asanas in Hindi।