आग का आविष्कार आदिमानव काल में ही हो गयाथा क्योंकि जंगलों में रहने वाले आदिमानव जंगली जानवरों से बचने के लिएआग का उपयोग करते थे और कहा जाता है कि आदिमानव ने आग की खोजपत्थर को रगड़ के की थी जब वो पत्थर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लेजा रहे तो गलती से पत्थर एक दूसरे के ऊपर गिरे और आदिमानव ने पत्थरोंके टकराने से उत्पन्न चिनगारियों को देखा होगा।
उस समय आदि मानव इससे डरता था लेकिन उनको इसका उपयोग करनासीखा और शुरू में आदिमानव यदि कहीं गुफाएं होती तो मनुष्य उन्हीं में रहने लगतेथे। अन्यथा वे बड़े पेड़ों की पत्तों वाली शाखाओं के बीच अपने लिए शरण स्थान बनालेते थे। उन्हें दो चीजों का भय रहता था मौसम और जंगली जानवर। आदिमानव नहींजानता था कि बादल क्यों गरजते हैं या बिजली क्यों चमकती है और जब किसी चीजका कारण समझ में नहीं आता, तो आदमी उससे भयभीत रहता है। बाघ, शेर, चीता,हाथी और गैंडे जैसे खूँखार जानवर जंगलों में घूमते फिरते रहते थे।
इन जानवरों की तुलना में मनुष्य कमजोर थे, इसलिए उन्हें या तो गुफाओं औरपेड़ों में छिपकर अपनी रक्षा करनी पड़ती थी या फिर अपने अनगढ़ हथियारों से उन्हेंमार डालना पड़ता था। परन्तु इन जानवरों से रक्षा का सर्वोत्तम उपाय था आग।रात के समय जहां सभी प्राणी गुफा में जमा हो जाते तो गुफा के मुंह पर आगलगाई जाती थी। आग के डर से जानवर गुफा के भीतर नहीं आते थे। शीतकाल मेंतूफानी रातों में आग ही उन्हें आराम तथा सुरक्षा प्रदान करती थी।
लेकिन जहां तक आदिमानव ने इसको नियंत्रण करना नहीं सिखा तब तकइसका उपयोग नहीं हुआ आग का प्रयोग लगभग 125000 साल पहले पता चला। औरउत्पन्न करने की एक और विधि थी घर्षणविधि से आग उत्पन्न करने की सबसे सरलऔर प्रचलित विधि लकड़ी के पटरे पर लकड़ी की छड़ रगड़ने की है और प्राचीन भारतमें भी इस विधि का प्रचलन था। इस यंत्र को अरणी भी कहते थे इस विधि से आगउत्पन्न करना भारत के अतिरिक्त श्रीलंका, सुमात्रा, आस्ट्रेलिया और दक्षिणी अफ्रीकामें भी प्रचलित था।
सन् 1830 के बाद दियासलाई का आविष्कार हो जाने के कारण आग प्रज्वलितरखने की विधि आई थी और आज मानव जीवन में आग के बहुत उपयोग है यदि आगनहीं होती तो मानव जीवन इतना सरल नहीं होता और जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी, लोगआग के सहारे अधिकाधिक ठंडे देशों में रहने लगे।
महत्वपूर्ण तथ्य
आग की खोज मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हालाँकि आग की खोज पहली बार कब और कैसे हुई, इसका सटीक विवरण पुरातनता में खो गया है, आग की खोज और प्रारंभिक उपयोग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और सिद्धांत हैं:
- आग का प्रारंभिक उपयोग: प्रारंभिक मनुष्यों द्वारा आग का उपयोग संभवतः दस लाख वर्ष से भी पहले का है। आग का नियंत्रित उपयोग मानव विकास में एक महत्वपूर्ण विकास था।
- प्राकृतिक आग: प्रारंभिक मनुष्यों ने सबसे पहले प्रकृति में आग का सामना किया होगा, संभवतः बिजली गिरने से जिससे जंगल में आग लग गई। उन्होंने इन प्राकृतिक घटनाओं को देखा और उनसे सीखा।
- नियंत्रित उपयोग: प्रारंभिक मनुष्यों ने अंततः सीख लिया कि आग को कैसे नियंत्रित किया जाए और विभिन्न प्रयोजनों के लिए उसका उपयोग कैसे किया जाए। इस नियंत्रण ने उन्हें गर्मी, खाना पकाने, सुरक्षा और उपकरण बनाने के लिए आग के लाभों का उपयोग करने की अनुमति दी।
- खाना पकाना: भोजन पकाने की क्षमता आग द्वारा सुगम बनाया गया एक महत्वपूर्ण विकास था। पकाने से खाना खाने के लिए सुरक्षित, अधिक पौष्टिक और पचाने में आसान हो जाता है। इसने पोषक तत्वों की व्यापक श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करके हमारी प्रजातियों के विकास में भी भूमिका निभाई।
- सुरक्षा: आग ने शिकारियों और ठंडे तापमान से सुरक्षा प्रदान की। प्रारंभिक मानव गर्मी और सुरक्षा के लिए आग के आसपास इकट्ठा होते थे, खासकर रात के दौरान।
- उपकरण बनाना: आग का उपयोग लकड़ी के भाले और औजारों को सख्त करने के लिए किया जाता था, जिससे वे शिकार और अन्य कार्यों के लिए अधिक प्रभावी हो जाते थे।
- सांस्कृतिक महत्व: पूरे इतिहास में कई समाजों में आग का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रहा है। विभिन्न पौराणिक कथाओं और अनुष्ठानों में इसे अक्सर सृजन, शुद्धिकरण और परिवर्तन से जोड़ा जाता है।
- खोज सिद्धांत: इस बारे में कई सिद्धांत हैं कि आरंभिक मनुष्यों ने आग की खोज कैसे की। एक सिद्धांत से पता चलता है कि प्रारंभिक मनुष्यों ने प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाली आग को पाया और इसे ईंधन देकर जीवित रखना सीखा। एक अन्य सिद्धांत का प्रस्ताव है कि प्रारंभिक मनुष्यों ने चट्टानों को आपस में टकराकर या अग्नि ड्रिल जैसी घर्षण विधियों का उपयोग करके आग पैदा की।
- होमो इरेक्टस पर प्रभाव: आग का उपयोग हमारे प्रारंभिक मानव पूर्वजों में से एक होमो इरेक्टस के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। होमो इरेक्टस द्वारा नियंत्रित आग के उपयोग के साक्ष्य लगभग 1 मिलियन वर्ष पुराने हैं।
- आग बनाने वाले उपकरणों का विकास: समय के साथ, मनुष्यों ने जानबूझकर आग पैदा करने के लिए उपकरण और तकनीकें विकसित कीं, जैसे फायर ड्रिल, फ्लिंट और स्टील, और आग बनाने वाली किट। इन प्रगतियों ने आग को अधिक सुलभ और विश्वसनीय बना दिया।
- मानव विकास में आग की भूमिका: माना जाता है कि आग और भोजन पकाने की क्षमता ने होमो सेपियन्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खाना पकाने से ऊर्जा की खपत में वृद्धि हुई और दंत और पाचन शरीर रचना में बदलाव आया।
- आग को वश में करना: आग को वश में करना मानव प्रगति में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसने भोजन की तैयारी और संरक्षण से लेकर संस्कृतियों और समाजों के विकास तक हर चीज़ को प्रभावित किया।
जबकि आग की खोज का सटीक विवरण इतिहास में छिपा हुआ है, इसका नियंत्रित उपयोग और महारत मानव सभ्यता और संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है। आग का दोहन और नियंत्रण करने की क्षमता हमारी विकासवादी यात्रा में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि थी।
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