मोहन राकेश का जीवन परिचय | Mohan Rakesh ka Jivan Parichay

Mohan Rakesh ka Jivan Parichay

मोहन राकेश हिंदी साहित्य के उन चुनिंदा साहित्यकारों में से हैं जिन्हें ‘नयी कहानी आंदोलन‘ का नायक माना जाता है, और साहित्य जगत में अधिकांश लोग इन्हें उस दौर का ‘महानायक‘ कहते हैं। मोहन राकेश ने ‘आषाढ़ का एक दिन‘ के रूप में हिंदी का पहला आधुनिक नाटक भी लिखा। कहानीकार-उपन्यासकार प्रकाश मनु भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं, जो नयी कहानी के दौर में मोहन राकेश को सर्वोपरि मानते हैं।

इस पोस्ट में राकेश जी के विषय में हम निम्न तथ्य जानेंगे-

  • मोहन राकेश का जीवन परिचय,
  • मोहन राकेश का जन्म कब और किस स्थान पर हुआ,
  • मोहन राकेश का पूरा नाम क्या है,
  • मोहन राकेश की भाषा शैली,
  • मोहन राकेश का साहित्यिक परिचय,
  • मोहन राकेश की कृतियाँ,
  • मोहन राकेश का प्रथम नाटक,
  • मोहन राकेश की मृत्यु कब हुई

Mohan Rakesh Biography In Hindi

नाम मोहन राकेश
बचपन का नाम मदनमोहन गुगलानी
जन्म तिथि 8 जनवरी, 1925
जन्म स्थान अमृतसर, पंजाब (भारत)
मृत्यु तिथि 3 दिसंबर, 1971
मृत्यु स्थान दिल्ली (भारत)
आयु (मृत्यु के समय) 47 वर्ष
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय साहित्यकार
भाषा हिन्दी एवं अंग्रेज़ी
शिक्षा एम.ए.
पिता का नाम श्री करमचन्द गुगलानी

Mohan Rakesh ka Jivan Parichay (मोहन राकेश का जीवन परिचय)

मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 ई० को अमृतसर में हुआ था। इनके पिता श्री करमचन्द गुगलानी पेशे से वकील थे और साहित्य एवं संगीत में विशेष रुचि रखते थे। इन्होंने लाहौर के ओरियण्टल कॉलेज से ‘शास्त्री’ की परीक्षा उत्तीर्ण करके हिन्दी व संस्कृत में एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। इन्होंने बम्बई (मुम्बई), शिमला, जालन्धर और दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन-कार्य किया, किन्तु शीघ्र ही वे इससे ऊब गये; अत : अध्यापन-कार्य को छोड़कर हिन्दी की कहानी पत्रिका ‘सारिका’ का सम्पादन कार्य करने लगे, परन्तु कार्यालय की नीरस कार्य-पद्धति से ऊबकर इन्होंने यह कार्य भी छोड़ दिया।

सन् 1963 ई० से जीवन के अन्त तक स्वतन्त्र-लेखन इनकी जीविकोपार्जन का साधन रहा। इन्हें ‘नाटक की भाषा’ पर कार्य करने के लिए नेहरू फेलोशिप भी प्राप्त हुई थी, लेकिन 1972 ई० में असमय मृत्यु के कारण यह कार्य पूर्ण न हो सका। ये जीवन भर आर्थिक अभावों से जूझते रहे, किन्तु इन्होंने कभी मन के विपरीत कोई समझौता नहीं किया। इनका वैवाहिक जीवन भी टूटता-बिखरता रहा। इन्हें नये-नये स्थलों की यात्रा करना बहुत पसन्द था। इनकी रचनाओं में गहन संवेदना व उच्चकोटि की बौद्धिकता विद्यमान है।

मोहन राकेश के नाटक हैं-

  1. आषाढ़ का एक दिन,
  2. लहरों के राजहंस
  3. आधे-अधूरे

अपनी रंगधर्मिता, गुणवत्ता और गुणात्मकता की दृष्टि से ये नाटक सर्वश्रेष्ठ कहे जा सकते हैं। ‘आधे-अधूरे’ नाटक ने इन्हें अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठित कर दिया। इनके
कहानी-संग्रहों के प्रकाशन सन् 1950 से शुरु होकर लगातार सन् 1960 तक प्रकाशित होते रहे।

मोहन राकेश के कुल 16 कहानी संग्रह, 3 उपन्यास, 4 नाटक, एकांकी, यात्रा-संस्मरण, आलेख, डायरी आदि भी प्रकाशित हुए।

मोहन राकेश के कहानी संग्रह हैं-

  1. इंसान के खंडहर,
  2. जानवर और जानवर,
  3. एक और जिन्दगी,
  4. नये बादल,
  5. फौलाद का आकाश,
  6. आज के साये,
  7. रोयें-रेशे,
  8. एक-एक दुनिया,
  9. मिले-जुले चेहरे,
  10. क्वार्टर वारिस,
  11. मेरी प्रिय कहानियां,
  12. पहचान,
  13. सुहागिनें,
  14. सम्पूर्ण कहानी संग्रह
  15. पांच लम्बी कहानियां।

मोहन राकेश के उपन्यास –

  1. अन्तराल,
  2. अन्तराल,
  3. अँधेरे बन्द कमरे,
  4. न आने वाला कल,
  5. नीली रोशनी की बाँहें (अप्रकाशित)

मोहन राकेश के एकांकी –

  1. अण्डे के छिलके,
  2. दूध और दाँत (अप्रकाशित)

मोहन राकेश के अनूदित नाटक –

  1. मृच्छकटिक,
  2. शाकुन्तल (अप्रकाशित)

मोहन राकेश की भाषा शैली

मोहन राकेश की भाषा शैली सहज और सरल थी। वे जहां नाटकों को लेकर खासे नामवर रहे, वही उनकी कहानिया भी अपनी छाप पाठकों में छोड़ने में पूर्ण रूपेण
सफल रहीं।

FAQs

Q. मोहन राकेश कौन थे?
A. मोहन राकेश 1950 के दशक में भारत में हिंदी साहित्य के नई कहानी साहित्यिक आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे।

Q. मोहन राकेश का पूरा नाम क्या है?
A. मोहन राकेश का पूरा नाम मदनमोहन गुगलानी है।

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Q. मोहन राकेश का जन्म कब हुआ था?
A. मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी सन् 1925 में हुआ था।

Q. मोहन राकेश का जन्म कहां हुआ था?
A. मोहन राकेश जी का जन्म अमृतसर में हुआ था।

Q. मोहन राकेश के पिता का नाम?
A. मोहन राकेश के पिता जी का नाम करमचन्द गुगलानी था।

Q. मोहन राकेश का प्रथम नाटक?
A. मोहन राकेश का पहला आधुनिक हिंदी नाटक आषाढ़ का एक दिन था।

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