ई मेल (E-mail) क्या है ? ई मेल का उपयोग क्या है?

E-mail  इलैक्ट्रानिक मेल का संक्षिप्त नाम है। ईमेल के अन्तर्गत इलैक्ट्रानिक्स उपकरणों के द्वारा संदेशों का आदान-प्रदान विश्व के किसी भी स्थान से और कभी भी किया जा सकता है। ई-मेल का प्रयोग 1960 के आस-पास किया गया था जो कि 1970 तक पूरी तरह से मान्य हो गया था। ई-मेल पर संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल सर्वर का प्रयोग किया जाता है तथा साथ ही कुछ प्रोटोकाल का भी प्रयोग अनिवार्य रूप से होता है जैसे-
  1. SMTP 
  2. POP 
  3. IMAP 
  4. UUCP
शुरुआत में ई-मेल के द्वारा केवल Text messages को Sent and received किया जा सकता था लेकिन बाद में text, multimedia, graphics व अन्य सभी प्रकार की सूचनाओं का Sent and received किया जा सकने लगा है। E-mail Service Google, Yahoo, MSN सेवाप्रदाताओं के द्वारा फ्री एवं शुल्क पर आधारित सेवा प्रदान की जा रहीं है। बहुत सी ई-मेल सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी 20 MB तक का डाटा फ्री में Send की अनुमति प्रदान करती हैं। 
ई-मेल के द्वारा एक जैसा संदेश बहुत सारे लोगों को एक साथ भी भेजा जा सकता है। वर्तमान ई-मेल प्रणाली में चैटिंग, वीडियो काॅलिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो रहीं हैं। ई-मेल से संदेश भेजने के लिए संदेश भेजने वाले का व प्राप्त करने वाले का एक विशेष पता होता है। ई-मेल पर बना खाता पूरी तरह से सुरक्षित व प्रमाणिक होता है। ई-मेल का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए तथा पासवर्ड का प्रयोग संभाल कर करना चाहिए जिससे कि उसका कोई भी user दुरुपयोग न कर सके। 
वर्तमान में ई-मेल सेवा प्रदाताओं के द्वारा चैट व वीडियो काल की भी सेवाएं प्रदान की जा रही है। इस तरह की इन्टरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए मेसेन्जर एप्लीकेशन प्रयोग में लाये जाते हैं। ये न केवल विश्व में किसी स्थान से Live chat  कराने की सुविधा देते हैं लेकिन video call की भी सुविधा देते करते हैं। यह सेवाएं इन्टरनेट सुविधा दर पर ही उपलब्ध होती है, जिसका Users को अलग से कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है। यह मुफ्त में प्राप्त होने वाली सेवा है। yahoo messenger, whatsapp, google messenger, facebook messenger, skype इस तरह के फ्री मेसेन्जर एप्लीकेसन उपलब्ध है जो कि इन्टरनेट की सहायता से प्रयोग किये जा सकते है। इन मैसेन्जर के द्वारा audio, video, text, pdf एवं अन्य multimedia files को भी Chat करते समय Sent and received किया जा सकता है। ई-मेल भेजने के लिए सही कम्यूनिकेशंस साॅफ्टवेयर तथा माॅडेम की आवश्यकता होती है। साथ ही इंटरनेट कनेक्शन भी लेना पड़ता है।
किसी को भी संदेश भेजने के लिए उसका ई-मेल पता मालूम होना चाहिए। इण्टरनेट पर सामान्यतः ई-मेल पता निम्न प्रकार से लिखा जाता है – स्थानीय-पता/पक्ष-नाम (abcd@domain-name)
इण्टरनेट से यदि हमें कोई पत्र अपने किसी मित्र को जो देश या विदेश में होता था, को भेजना होता था, उसे पहुँचने में कई दिन लगते थे एवं अच्छी खासी रकम भी देनी पड़ती थी लेकिन इण्टरनेट के बाद सूचना जगत में क्रांति आई और ई-मेल के द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ इससे समय व धन दोनों की बचत हुयी। 

ई-मेल संदेश भेजने की तेज तथा आसान प्रक्रिया है कुछ ही
मिनट में अपना संदेश भेज सकते है। यह इंटरनेट का सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला फीचर है। 

ई-मेल में प्रमुख शब्दावली

ई-मेल द्वारा संप्रेषण प्रक्रिया ग्राहक सेवा तकनीकी पर आधारित है। जिस कम्प्यूटर के द्वारा ई-मेल सुविधा प्राप्त होती है, उसे ‘सर्वर’ कहा जाता है और जिस कम्प्यूटर पर संदेश प्राप्त होते है उसे क्लाइंट कहा जाता है। यह ग्राहक तकनीकी सेवा विभिन्न प्रकार की हो सकती है।
यदि इण्टरनेट के माध्यम से ई-मेल की सुविधा लेनी होतो सर्वर को इंटरनेट सेवा में भागीदार होना चाहिए उसी प्रकार से संदेश ग्रहण करने वाले ग्राहक भी या तो इण्टरनेट सेवा का भागीदार हो या तो उसके पास इण्टरनेट से टेलीफोन, लीज्ड लाइन या VAST के द्वारा जुडने की सुविधा हो, तभी संदेश भेजे जा सकते है तथा प्राप्त किये जा सकते है। इसके अतिरिक्त ई-मेल के समुचित साॅफ्टवेयर भी ग्राहक कंम्प्यूटर के पास होना चाहिए।

ई-मेल के उपयोग 

1. सूचनाओं का भंडार :- इंटरनेट अपने आप में सूचनाओं का एक बहुत बड़ा संग्रह है,
भंडार है जो मन वांछित विषय की जानकारी अतिशीघ्र उपलब्ध कराता है। हर आयु वर्ग
की आवश्यकतानुसार जानकारी देता है। शिक्षा का क्षेत्र, व्यापार, बैंकिंग एकाउंट आदि के
क्षेत्र में सभी जानकारी सुगमता से मिल जाती है। 

2. सॉफ्टवेयर तथा प्रोग्राम :- इंटरनेट पर हजारों प्रोग्राम्स तथा सॉफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध
रहते है जिन्हें हम फाइल ट्रांसफर, प्रोटोकोल की मदद से अपनी हार्ड डिस्क पर स्टोर कर
सकते है। 

3. एकाउंटिंग :- एकाउंटिंग व्यवसायिक उपक्रमों में इस्तेमाल होने वाला एक महत्वपूर्ण शब्द
है। नकद होने वाले लेन को दर्ज करने की कला के रूप में इसे जाना जाता है। दर्ज
57
करने का यहकाम इसलिए किया जाता है कि हमें पता रहे कि कितने रूपये लेने और
कितने देने है। इसका संपूर्ण ब्यौरा हम ई-मेल के द्वारा आसानी से पता कर लेते है। 

4. बैंकिग :- बैंक के कई कार्य हम ई-मेल के द्वारा कर सकते है। रेलवे संबंधी कार्य
रिजर्वेसन आदि कार्य भी इसके द्वारा संभव है। 

5. मनोरंजन :- इंटरनेट पर सैकड़ों मुफ्त गेम्स जैसे- चैस, फुटबॉल आदि उपलब्ध रहते है।
जिन्हें हम फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल की मदद से अपने हार्ड डिस्क पर स्टोर कर सकते
है। 

6. ऑनलाइन खरीदारी :- ई-मेल के द्वारा इंटरनेट पर ही खरीदना या बेचना ऑनलाइन
खरीदी कहलाता है। हम इस पर जरूरत की वस्तुओं तथा सेवाओं जैसे कम्प्यूटर,
सॉफ्टवेयर, किताबें, पोशाके कोसमेटिक्स आदि खरीद सकते है।

You May Also Like