एमएस सुब्बुलक्ष्मी का जीवन परिचय

एमएस सुब्बूलक्ष्मी का पूरा नाम श्रीमती मदुरै
शनमुखवदिवु सुब्बुलक्ष्मी था। एमएस सुब्बूलक्ष्मी भारत रत्न से सम्मानित होने वाली
पहली संगीतज्ञ थी। एम एस सुब्बुलक्ष्मी का जन्म 16 सितम्बर, 1916 को तमिनाडु राज्य के
मदुरै में हुआ था। वह ऐसी पहली संगीतकार थी जिन्हें एशिया
के नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त
हुआ। इन्होनें छोटी आयु से ही संगीत शिक्षण प्रारंभ किया
और सुब्बुलक्ष्मी की पहली रिकार्डिंग तब जारी की गई जब
वह केवल 10 वर्ष की थीं। 

सुब्बुलक्ष्मी ने 1929 में 13 वर्ष की
उम्र में मद्रास संगीत अकादमी में अपनी पहली प्रस्तुति दी।
1936 में सुब्बुलक्ष्मी चेन्नई चली गई और 1938 में सेवासदन से
अपनी फिल्मी कैरियर की शुरुआत की। सन् 1945 में उनकी
अच्छी संतान इस लोक और परलोक दोनों में सुख देती है – कालिदास
राजभाषा अंकुर
पंजाब एण्ड सिंध बैंक
मार्च 2021 11
फिल्म भक्त मीरा आई जिसमें इन्होनें मुख्य भूमिका निभाई थी
तथा मीरा के सभी भजन सुब्बुलक्ष्मी ने ही गाए थे। इनकी
मातृभाषा कन्नड़ थी लेकिन इन्होंने मलयालम के साथ तमिल,
तेलगू, हिंदी, संस्कृत, बंगाली, गुजराती तथा पंजाबी भाषाओं
में भी गीत रिकार्ड किए। इन्हें पहली भारतीय होने का सम्मान
भी हासिल है जिन्होनें संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में संगीत
कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
एम एस सुब्बुलक्ष्मी ने जिस दौर में गायन शुरु किया तथा
गायन परंपरा में अपना स्थान बनाया, उसमें पुरुषों का ही
दबदबा था लेकिन श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी नें उस मिथक को तोड़ा
तथा संगीत के क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित किया। 
सुब्बुलक्ष्मी
को वर्ष 1954 में पद्मभूषण, 1956 में संगीत नाटक अकादमी
पुरस्कार, 1974 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, 1975 में पद्मविभूषण,
1988 में कालिदास सम्मान, 1990 में राष्ट्रीय एकता के लिए
इंदिरा गाँधी पुरस्कार तथा 1998 में भारत रत्न से विभूषित
किया गया। सुब्बुलक्ष्मी का निधन 88 साल की उम्र में 2004 में
हुआ। इनके विषय में कहा जाता है कि जो लोग उनकी भाषा
को नहीं समझते थे वे भी उनकी गायकी को पसंद करते थे।

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