कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) क्या है ?

कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) क्या है

क्या है कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) अनाॅक्सी अपघटन की प्रक्रिया के द्वारा अपशिष्ट/बायोमास (कृषि
अपशिष्ट, मवेशी गोबर, सुगरकेन प्रेस मड, नगर निगम ठोस अपशिष्ट
व सीवेज उपचार संयंत्रा अपशिष्ट) से बायो गैस उत्पादित किया जाता
है। बायोगैस उत्पाद में लगभग 55 प्रतिशत से 60 प्रतिशत मीथेन, 40 से
45 प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड तथा बहुत कम परिमाण में हाइड्रोजन
सल्पफाइड होता है। कंप्रेस्ड बायोगैस प्राप्त करने के लिए कार्बन डाई
आक्साइड, जलवाष्प व हाइड्रोजन सल्पफाइड को हटाने हेतु बायोगैस का शुद्धिकरण किया जाता है और सीबीजी प्राप्त करने के लिए इसे संपीडित (कंप्रेस्ड) किया जाता है। इस तरह जो विशुद्ध  उत्पाद प्राप्त होता है उसे
कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संपीडित बायो गैस यानी कंप्रेस्ड बायोगैस कहते हैं। इसमें मीथेन कंटेंट
90 प्रतिशत से अधिक होता है।

कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) की भारत में संभावना

भारत में सीबीजी की अनुमानित क्षमता लगभग 62
मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय ने 16 जून, 2015 को सीएनजी के वैकल्पिक संघटक के रूप में
मोटर वाहनों में बायो-कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (बायो सीएनजी) के इस्तेमाल
की अनुमति प्रदान कर दी थी।

कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) के लाभ

सीबीजी में सीएनजी की तरह ही उष्मीय मान (कैलोरिपिफक मूल्य)
व अन्य गुण होते हैं, इसलिए इसका इस्तेमाल हरित नवीकरणीय
आटोमोटिव ईंधन के रूप में किया जा सकता है। देश में पर्याप्त मात्रा
में बायोमास को देखते हुए आटोमोटिव, औद्योगिक व वाणिज्यिक क्षेत्र में
सीएनजी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सीबीजी के
कई लाभों की परिकल्पना की गईं हैं जैसे किः प्राकृतिक गैस व कच्चा
तेल के आयात पर निर्भरता में कमी, कृषि व अन्य अपशिष्टों के सही
इस्तेमाल से उत्सर्जन व प्रदूषण में कमी, जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में
राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति, स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति, किसानों
के लिए अतिरिक्त आय सृजन।

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