बचपन की दीवाली

चलो बचपन की दीवाली मनाएंगे

चलो बचपन की दीवाली मनाएंगे….
हर बार मन करता है
इस बार की दीवाली 
बचपन के घर में मनाएंगे
जहां पुराना कबाड़ 
बस साल में एक बार निकलता था
पुरानी-पुरानी चीजों से 
बरसों बाद अचानक मिला जाता था
मां की पेटी से उनकी स्मृतियों में
लिपटे सामान की कहानियों को सुना जाता था
घरों के ऊँचे कोनों में एक बरस के मकड़-जाले
ऊँची दीवारों पर सफेद नील डले चूने से पुताई
घर में हर तरफ फैली बड़ी बड़ी पेटियां 
और भी जाने कितना अटाला
खूब सारी धूल, बड़े बड़े झाड़ू
रद्दी वाले की चिल्लपों
दिए वाली का आना और मिट्टी के खिलौने
मां के हर गहने को पहन-पहन कर देखना
साड़ी को गोल-गोल होकर अपने से लिपटा लेना
शादी से पहले ही पैरों में बिछुए डाल लेना
और इस हालत में देखकर
घर के हर सदस्य का खिलखालकर हँस देना
कितना कुछ होता था न
बचपन के घर की दीवाली में
पापा के हम सभी भाई-बहनों के लिए
डॉ. शुभ्रता मिश्रा
लगभग एक जैसे नए कपड़ों का लाना
पटाखों और मिठाइयों की भरमार
फलों फूलों की ताजी खुशबुएं
कितना कुछ है सुनाने को 
बचपन के घर की दीवाली के लिए
अब तो रोज दीवाली है
हर रोज घर साफ रहता है
हर महिने सामान फेंका जाता है
अतिरिक्त जैसे कुछ है ही नहीं
सब कुछ कितना बँधा हुआ सीमित-सा
सामानों से लेकर बातचीत तक।
ये कब होता चला गया मालूम नहीं
मिठाइयों के थाल कैडबरीज़ के डिब्बों में बदल गए
दियों की बातियां मोम और बिजलियों से जलने लगीं 
कपडों का नयापन रोज की बात हो गई
चूने की पुताई नैरोलेक पेंट के स्थायित्व ने छीन ली
हृदय की खिलखिलाहट सीमित-स्मित में ठहर गई
अब जैसे करने को कुछ है ही नहीं
करें तो क्या करें, इसलिए
हर बार मन करता है
इस बार की दीवाली 
बचपन के घर में मनाएंगे।।
पर मालूम नहीं वो अब…. कब आएगा?
– डॉ. शुभ्रता मिश्रा

डॉ. शुभ्रता मिश्रा वर्तमान में गोवा में हिन्दी के क्षेत्र में सक्रिय लेखन कार्य कर रही हैं । उनकी पुस्तक “भारतीय अंटार्कटिक संभारतंत्र” को राजभाषा विभाग के “राजीव गाँधी ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार-2012” से सम्मानित किया गया है । उनकी पुस्तक “धारा 370 मुक्त कश्मीर यथार्थ से स्वप्न की ओर” देश के प्रतिष्ठित वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है । इसके अलावा जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली) द्वारा प्रकाशक एवं संपादक राघवेन्द्र ठाकुर के संपादन में प्रकाशनाधीन महिला रचनाकारों की महत्वपूर्ण पुस्तक “भारत की प्रतिभाशाली कवयित्रियाँ” और काव्य संग्रह “प्रेम काव्य सागर” में भी डॉ. शुभ्रता की कविताओं को शामिल किया गया है । मध्यप्रदेश हिन्दी प्रचार प्रसार परिषद् और जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली) द्वारा संयुक्तरुप से डॉ. शुभ्रता मिश्रा के साहित्यिक योगदान के लिए उनको नारी गौरव सम्मान प्रदान किया गया है।

          संपर्क सूत्र –  डॉ. शुभ्रता मिश्रा ,स्वतंत्र लेखिका, वास्को-द-गामा, गोवा, मोबाइलः :08975245042,

          ईमेलः shubhrataravi@gmail.com

You May Also Like