अवकाश का महत्व
Utilization of Leisure Time in Hindi
एक पुरानी कहावत है – सिर्फ काम ही काम और कोई खेल नहीं तो आदमी को सुस्त बना देता है।आधुनिक पीढ़ी इस पुरानी कहावत का अर्थ मानो भूल चुकी है। थोड़े ही समय में बहुत कुछ हासिल कर लेने के लिए लगातार
अवकाश |
जारी भागदौड़ में लोगों के पास अवकाश के लिए बहुत काम समय बच पाता है। हर किसी को अवकाश अथवा फुर्सत की जरुरत होती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति बिना बीच बीच में थोड़ा विश्राम किये और मनोरंजन किये लगातार काम नहीं कर सकता है।लगातार काम करते रहने से न केवल शरीर बल्कि मन – मस्तिष्क भी थक जाता है।शरीर को खोयी हुई ऊर्जा पाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।दिमाग को अपने आपको पुनः सक्रीय करने के लिए मनोरंजन की आवश्यकता होती है। अवकाश के अभाव में स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
मनोरंजन के साधन –
प्राचीन समय में लोगों के पास फुर्सत का काफी समय होता था और वे अपने अवकाश का उपयोग कला और संस्कृति के लिए करते थे।वे दर्शन और धर्म पर चर्चा करने में भी समय व्यतीत करते थे।अवकाश के समय को उपयोगी तरीके से खर्च करना एक कला है जिसको बढ़ावा देना चाहिए।अधिकांश युवा लोग अपने फुर्सत के समय को टेलीविजन देखने में खर्च करते हैं। उन्हें अवकाश के समय को उपयोगी तरीके से बागवानी ,पढ़ाई ,चित्रकारी तथा कला जैसे शौकों को विकसित करने में खर्च करने की शिक्षा दी जानी चाहिए। अच्छा संगीत सुनना भी एक प्रकार का मनोरंजन है। किन्तु किसी एक चीज़ की अति का होना बुरी बात है। बच्चों को अनेक प्रकार के शौक और अभिरुचियों को विकसित करना चाहिए। कढ़ाई ,बुनाई और सिलाई लड़कियों के लिए उत्तम शौक हैं।
जीने की कला –
जो व्यक्ति अपने फुर्सत के समय को अर्थपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करना जानता है. वह कभी भी अपने आपको अकेला अथवा नीरस महसूस नहीं करता है। अपनी क्षमताओं और प्रतिभाओं का उपयोगी नागरिक बनने के लिए करना और अपने अवकाश के समय का सदुपयोग अपने किसी शौक को उन्नत करने के लिए अकरना ही वास्तव में सच्ची जीने की कला है।