जलते रावण की नसीहत

जलते रावण की नसीहत

मैं रावण हूँ
सर्वकालिक महान विद्वान
प्रकांड पंडित भविष्य वेत्ता
महान वैज्ञानिक
तीनो लोकों में मेरे जैसा वीर कोई नहीं था।
मेरा व्यक्तित्व न भूतो न भविष्यति है।
रावण जैसा न कोई हुआ
रावण जैसा न कोई होगा।
रावण
एक लाख पूत सवा लख नाती
से भरे परिवार का मुखिया था मैं।
सोने की लंका का अधीश्वर।
सहस्त्र विद्याओं का ज्ञाता।
साक्षात् शिव जिसके घर विराजते थे
मंदोदरी जैसी सती का पति।
मेघनाथ जैसे बल वीर्य पराक्रमी का पिता था मैं।
कुम्भकर्ण जैसे अपरिमित शक्तिशाली का अग्रज था।
राजनीति की परिभाषा मुझ से ही शुरू होती थी।
राम का शौर्य और साहस मेरे सामने नगण्य था।
आज मुझे चौराहों पर अपमानित करके इसलिये जलाया जाता है क्योंकि मैंने मर्यादाओं का उल्लंघन किया था।
मदमस्त होकर स्त्री चरित्र की हत्या करनी चाही।
जगतजननी सीता को अपमानित किया।
अपने अहंकार में दूसरे की स्त्री का हरण किया।
आज मैं मनुष्य के अंतर्मन में विहित दुर्गुणों का प्रतीक बन गया।
सिर्फ चरित्र हीनता के कारण संपूर्ण कुल के विनाश का कारण बना।
मेरे विनाश की गाथा से आपको सबक लेना चाहिए कि 
आप भले ही कितने शक्तिशाली क्यों न हो।
अगर आप चरित्र और सत्य पर आधारित नहीं है।
तो आपको चौराहों पर ऐसे ही जलील होना होगा।
मेरे जलते हुए पुतलों की तरह।

यह रचना सुशील कुमार शर्मा जी द्वारा लिखी गयी है . आप व्यवहारिक भूगर्भ शास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इसके साथ ही आपने बी.एड. की उपाध‍ि भी प्राप्त की है। आप वर्तमान में शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय, गाडरवारा, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) के पद पर कार्यरत हैं। आप एक उत्कृष्ट शिक्षा शास्त्री के आलावा सामाजिक एवं वैज्ञानिक मुद्दों पर चिंतन करने वाले लेखक के रूप में जाने जाते हैं| अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में शिक्षा से सम्बंधित आलेख प्रकाशित होते रहे हैं | अापकी रचनाएं समय-समय पर देशबंधु पत्र ,साईंटिफिक वर्ल्ड ,हिंदी वर्ल्ड, साहित्य शिल्पी ,रचना कार ,काव्यसागर, स्वर्गविभा एवं अन्य  वेबसाइटो पर एवं विभ‍िन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाश‍ित हो चुकी हैं।आपको विभिन्न सम्मानों से पुरुष्कृत किया जा चुका है जिनमे प्रमुख हैं :-
 1.विपिन जोशी रास्ट्रीय शिक्षक सम्मान “द्रोणाचार्य “सम्मान  2012
 2.उर्स कमेटी गाडरवारा द्वारा सद्भावना सम्मान 2007
 3.कुष्ट रोग उन्मूलन के लिए नरसिंहपुर जिला द्वारा सम्मान 2002
 4.नशामुक्ति अभियान के लिए सम्मानित 2009
इसके आलावा आप पर्यावरण ,विज्ञान, शिक्षा एवं समाज  के सरोकारों पर नियमित लेखन कर रहे हैं |

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