देश प्रेम की साँसों को कभी न थमने दो

अंतिम साँसों को अंतिम ना बनने दो

याद शहीदों की जिगर से कभी न मिटने दो

जिनजिनने रोशन किया वतन त्याग से
यादों के उन दीपक की लौ को न बुझने दो

सीना ताने जो दुश्मन से लड़ते थे
गाथा उन वीरों की बच्चो को पढ़ने दो

उन वीर सिपाही की माँओं से कह दो
तेरे आँचल में अब हम सबको पलने दो।

लाल तुम्हारे हम हैं, हमको हिम्मत दो
तेरी ममता का रस हर रगरग में बहने दो।

सरहद पर पदचिन्ह सदा रहें दमकते

भूपेन्द्र कुमार दवे

राह शहीदों की हर पगपग को दिखने दो।

अंतिम साँसों को अंतिम ना बनने दो
देश प्रेम की साँसों को कभी न थमने दो

यह रचना  भूपेंद्र कुमार दवे जी द्वारा लिखी गयी है आप मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल से सम्बद्ध रहे हैं आपकी कुछ कहानियाँ व कवितायें आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है बंद दरवाजे और अन्य कहानियाँबूंद- बूंद आँसू आदि आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैसंपर्क सूत्र  भूपेन्द्र कुमार दवे,  43, सहकार नगररामपुर,जबलपुरम.प्र। मोबाइल न.  09893060419.

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