हिंदी ‘तुलसी चौरा’ की तरह अवश्य स्थापित होगी

 ‘वह दिन दूर नहीं जब विश्व के आँगन में हिंदी ‘तुलसी चौरा’ की तरह अवश्य स्थापित होगी – मृदुला सिन्हा’
हैदराबाद, 12 जनवरी 2015
तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी, चेन्नै और युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कंलि।, चेन्नै
के तत्वावधान में आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर तृतीय अंतरराष्ट्रीय
साहित्यिक सम्मेलन तथा सम्मान समारोह का आयोजन नुन्गम्बाक्कम स्थित
यूनाइटेड इंडिया लर्निंग सेंटर के परिसर में हुआ

इस अवसर पर हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा के लिए तेवरी आंदोलन के प्रवर्तक प्रोऋषभ देव शर्मा (आचार्य एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, हैदराबाद) को श्रीमती शकुंतलारानी चोपड़ा साहित्य शिरोमणि सम्मान (जीवनोपलब्धि सम्मान) से सम्मानित किया गयाउन्हें प्रशस्ति पत्र, शाल, स्मृति चिह्न और धनराशि (21,000 रु।) से सम्मानित किया गयायह सम्मान मुख्य अतिथि के रूप में पधारी गोवा की राज्यपाल महामहिम मृदुला सिन्हा ने प्रदान कियाअकादमी की ओर से देश विदेश के कुल 20 हिंदी सेवियों और साहित्यकारों को विभिन्न सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गएजीवनोपलब्धि सम्मान प्राप्त करने वाले हिंदी सेवियों में डॉऋषभ देव शर्मा के साथ डॉपीकेबालसुब्रमण्यन और वीजीभूमा के नाम सम्मिलित हैं
इस अवसर पर डॉराज हीरामन (मॉरिशस) और आइरिश रूयूलून (चीनी प्राध्यापक) को विश्वजनीन सम्मान, प्रोनिर्मला एसमौर्य, ईश्वर करुण, महेंद्र कुमार और प्रह्लाद श्रीमाली को मौलिक कृति सम्मान, राजवेल (दक्षिण भारत हिंदी प्रचार प्रकाशन) को सहस्रबाहु प्रकाशन सम्मान, डॉएमगोविंदराजन, डॉवत्सला किरण, मोहन बजाज और डॉआनंद पाटिल को अनूदित कृति सम्मान, केवीरामचंद्रन, केसुलोचना, पीआरसुरेश, रविता भाटिया, केपद्मेश्वरी और डॉअब्दुल मलिक को हिंदी सेवी सम्मान से नवाज़ा गया
मुख्य अतिथि गोवा की राज्यपाल महामहिम मृदुला सिन्हा ने अत्यंत गद्गद होकर अपने संबोधन में कहा कि अंतरमन जब पूरी तरह से भीगता है तो शब्द नहीं फूटते। आज मैं पूरी तरह से भीग गई हूँअम्मा मिले तो खूब बतियाओ, गंगा मिले तो डूब के नहाओ और हिंदी मिले तो खूब दिल खोल के बतियाओहर भारतीय के हृदय को स्पंदित करने वाली भाषा है हिंदीहिंदी जोड़ने वाली भाषा हैसंवेदनशीलता की भाषा हैसंवेदना हृदय का आभूषण हैइससे समाज को सुसज्जित होना चाहिएसंवेदना के अभाव में साहित्य का सृजन असंभव हैथोड़ी दूर से आई हूँ, विश्वास का तोहफा लाई हूँ, हिंदी बोलते रहिए, अभ्यास कीजिए, अपने घरपरिवार में हिंदी को प्रतिस्थापित करें, वह दिन दूर नहीं जब विश्व के आँगन में हिंदी तुलसी चौरा’ की तरह अवश्य स्थापित होगी

चित्र परिचय:
विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 10 जनवरी 2015 को
तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा

आयोजित तृतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन
के अवसर पर संपन्न सम्मान समारोह में गोवा की राज्यपाल एवं हिंदी
साहित्यकार मृदुला सिन्हा के हाथों जीवनोपलब्धि सम्मान’ स्वीकार करते हुए तेवरी काव्यांदोलन के प्रवर्तक ऋषभ देव शर्मा साथ में डॉमधु धवन, रमेश गुप्त नीरद, ईश्वर करुण, डॉगुर्रमकोंडा नीरजा एवं डॉश्रावणी पंडा

प्रेषक: डॉगुर्रमकोंडा नीरजा
सहसंपादक स्रवंति’
उच्च शिक्षा और शोध संस्थान
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा
खैरताबाद, हैदराबाद – 500 004
ईमेल neerajagkonda@gmail.com

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