ना भाग बेटी घर छोड़कर पीछे तेरा पालना रोवेगा

तेरा पालना रोवेगा 

ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा
जी नहीं सकेगा तेरे बिना 
याद कर तुझे 
छुप-छुपकर रोवेगा 
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
परिवार समाज न जाने उनको 
क्या- क्या कहकर कोसेगा 
कुछ बोल नहीं पावेगा 
सिर्फ सुनेगा दर्द सहेगा 
वज्र-सा कलेजा फट जावेगा
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
तेरी मीठी मुस्कान से 
घर आंगन पूरा महक-सा जाता है 
आंगन सुना ,घर सुना सब हो जावेगा 
ना भाग बेटी घर छोड़कर पीछे तेरा पालना रोवेगा

ना जा मेरी प्यारी चिड़िया उड़कर 

संसार मेरा उजड़ जावेगा 
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
मूछों पर ताव लगा 
सर उठाकर चलने वाला पालना 
किस-किस से नजर चुरावेगा 
मान-सम्मान सब हाथ है तेरे बेटी
उसे गंवा कर शान से कैसे जी पावेगा 
अपनो में अजनबी सा बन जावेगा
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
जन्म हुआ बेटी जब तेरा 
एक आवाज उठी चारों तरफ़
बेटी नहीं बेटा चाहिए 
बेटी नहीं बेटा चाहिए 
एक ना सुनी पालनहार ने 
पालन किया बेटे-सा तेरा 
दिए पंख तुझे उड़ने को 
खुले आसमान में 
ना तोड़ बिटिया रानी विश्वास मेरा 
ना जा लाडो ऐसे छोड़कर
अपने पालनहार को
वो किस से लाड लडावेगा
कौन रूठेगा उनसे 
किस को प्यार से मनावेगा
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
सर उठाकर चल नहीं पावेगा
पालना तेरा 
जमाना थूकेगा मेरे पालने पर 
ना जा मेरी कोयल ऐसे उड़कर
मेरा बाग उजड़ जावेगा
बात बिगड़ जावेगी मेरी 
गीत अधूरा ,राग अधूरा 
मेरा संगीत अधूरा रह जावेगा 
पगड़ी उतर जावेगी
बह जावेगा पानी सारा
रह जावेगी कीचड़ जीवन में मेरे 
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा 
तेरे इस कदम से 
न जाने कितने अरमान बिखर जावेंगे 
कितने दरवाजे ,कितनी बेड़ियाँ कदमों में लग जावेंगे
खुशियां मातम में बदल जावेंगी 
जिंदा रहेंगे हम आत्मा मर जावेंगी 
चारों तरफ अंधियारा छा जावेगा 
समय गति के साथ बदल जावेगा 
फिर कौन इतनी चाहत,लगन बेटी से रख पावेगा 
फिर कौन लक्ष्मी ,दुर्गा ,सरस्वती कह कर बेटी को बुलावेगा
हर पालना बेटी के पालन से डर जावेगा 
ना भाग बेटी घर छोड़कर 
पीछे तेरा पालना रोवेगा ।
– पवन कुमार मीणा
मुंडावर (अलवर) राज० 
सम्पर्क सूत्र:- 9588285201

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