रामेश्वर शुक्ल अंचल का जीवन परिचय

रामेश्वर शुक्ल अंचल का जीवन परिचय 

रामेश्वर शुक्ल अंचल का जीवन परिचय rameshwar shukla anchal ka jivan parichay रामेश्वर शुक्ल अंचल की कविताएँ रामेश्वर शुक्ल अंचल का जन्म उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के किशनपुर नामक ग्राम में सन १९१५ में हुआ था। इनके पिता श्री मातादीन शुक्ल हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और संपादक थे। पारिवारिक तथा आर्थिक कारणों से ये अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी न कर सके। आरम्भ में इन्होने सरकारी नौकरी की और बाद में जबलपुर में एक कॉलेज में हिंदी के प्राध्यापक के रूप में नियुक्त हो गए। सन १९९६ में इनका देहांत हुआ। 

रामेश्वर शुक्ल अंचल की काव्यगत विशेषताएँ

रामेश्वर शुक्ल अंचल का जीवन परिचय
रामेश्वर शुक्ल अंचल

अंचल जी एक बहुमुखी प्रतिभावान साहित्यकार के रूप में विख्यात हैं। इन्होने कविता ,उपन्यास ,कहानी ,आलोचनात्मक निबंध संग्रह आदि की रचना की थी। छायावाद का प्रभाव इनकी आरंभिक रचनाओं पर पड़ा. इनकी बाद की रचनाओं में जीवन की अनुभूति का सत्य विद्यमान है। इसीलिए इनकी कविताओं में कल्पना के स्थान पर सच्चाई और भौतिकता के दर्शन होते हैं। इनकी रचनाओं में प्रगतिवाद का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। तृष्णा को अंचल जी ने जीवन सत्य के रूप में स्वीकारा है। इनके काव्य में समाज की दयनीय दशा की यथार्थ चित्र अंकित है। शोषित एवं दलित मजदूर वर्ग के जीवन की झांकी भी प्रस्तुत की गयी है। 

अंचल की भाषा शैली 

अंचल जी की भाषा सरल ,सहज ,भावपूर्ण और ग्राह है। छंदों में संगीतात्मकता विद्यमान है। शब्दों के चयन में आपकी कुशलता सराहनीय है। आपने खड़ी बोली के शुद्ध परिष्कृत रूप को काव्य भाषा के रूप में अपनाया है। इनकी भाषा में भावों के अनुरूप भाषा और शैली बदलती रहती है। इनके काव्य में अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग हुआ है। 

रामेश्वर शुक्ल अंचल की प्रमुख रचनाएँ 

आपकी प्रमुख रचनाओं में निम्नलिखित हैं – 

काव्य संग्रह – मधुलिका ,अपराजिता ,किरण बेला ,लालचुनर ,वर्षांत के बादल ,विराम चिन्ह ,अनुपुर्वा ,किरण और यायावरी आदि। 

खंडकाव्य – ज्योतिपुरुष तथा शीलजयी आदि। 

संस्मरण – युगपुरुष। 

मधुलिका काव्य संग्रह पर आपको मध्य प्रदेश का चक्रधर पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 

विडियो के रूप में देखें – 

You May Also Like