अज्ञेय की कवितायें

आधुनिक हिन्दी साहित्य में प्रयोगवादी आन्दोलन के जनक के रूप में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ” अज्ञे ‘ जाने जाते है । अज्ञेयजी ने आधुनिक हिन्दी कविता के प्रयोगवाद नामक आन्दोलन को सन १९४३ में तार -सप्तक नामक कविता संग्रह के प्रकाशन द्वारा जन्म दिया । इसकी भूमिका मे अज्ञेयजी द्वारा लिखित विचार हिन्दी आलोचना का एक प्रमुख स्तम्भ माना जाता है ।
यहां पर अज्ञेय जी कुछ कविताओं को विडियो के रूप में दिया जा रहा है । आशा है कि इसके माध्यम से उनके साहित्य के सौन्दर्य एवं शिल्प दृष्टि को समझने में सहायता मिलेगी –

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