मेरे बगैर अब तेरा हर काम होगा
कहीं मेरा नाम नहीं है तुझे आराम होगा,,
मेरे बगैर अब तेरा हर काम होगा!!
तेरे घर के चारों तरफ इतना जंगल है,,
भूल जाने का बड़ा अच्छा इंतजाम होगा!!
सियासत का जब अच्छा प्रबंध ना हो,,
ऐसे माहौल में इश्क़ हमेशा बदनाम होगा!!
थोथी नैतिकता में सभ्यता मजाक लगता है,,
वहां इंसानियत का कत्ल शरेआम होगा!!
तहजीब से हो अगर भूख की गिनती,,
तो यहां ना कोई खास ना कोई आम होगा!!
हमने सड़क बदले आदमी बदलकर देखा,,
मिला वही जो शुरू किया वही अंजाम होगा!!
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में
खुदा जाने क्या-क्या छुपा है,,
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
हर सवालों को!
एक खामोशी जो है,,
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
इंतजार किस बात की
सदियां बीत गई है,
बस फर्क कर लूं ..
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
जिस हकीकत से रूबरू हुए
हम तुम दोनों,,
वह झूठा लगता है
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
सिर्फ एक बार और आ जाओ सामने
समय से निकलकर,
एक उम्र और पेश करनी है,
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
मुझे सब पता है
तुम्हारे कशमकश की वजह
फिर भी खुद को समझाना है,
तुम्हारे हाँ में तुम्हारे ना में!!
– राहुलदेव गौतम