कुछ तो बात है तुझमें
कुछ तो बात है तुझमें,
कि आंखे तेरी तस्वीर देख थकती नहीं।
कुछ तो बात है तेरी आवाज में,
कि तेरी कहीं बाते मेरे कानो से निकलती नहीं।
एक बार जो तेरी यादों का पिटारा खोल लू,
तो रात भी सिमट जाती है।
कुछ तो बात है तेरे संग रिश्ते में,
कि साथ होने ना होने से भी फर्क पड़ता नहीं।
कुछ तो बात है इस गहरे रिश्ते में,
एक जन्म का साथ ये लगता नहीं।
एक पल में भी याद किया होगा मुझे,
ये सोच ही सुकून आ जाता है।
कुछ तो बात है इस अनकहे रिश्ते में,
कि बिन बोले ही हाल समझ आ जाता है।
कुछ तो बात है तेरी यादों में,
कि आके मुस्कान दे जाता है।।
– प्रेरणा सिंह