मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए चाहिए

मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए चाहिए

मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए चाहिए,
शिक्षा,संस्कार, सत्संग, व्यक्तित्व, एकता!

शिक्षा है शेरनी का दूध जो पिए सो जिए,
ऐसा था कहना; भीम राव अम्बेडकर का!

मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए चाहिए

अम्बेडकर ने दीन-दलितों के उत्थान किए,
वे जाति-धर्म-राजनीति-कानून के प्रवक्ता!

उन्होंने दलित के धर्मांतरण रोक के लिए
हिन्दू से बौद्ध बन देशी संस्कार बचाया! 

संस्कार है देस-धर्म का गहना हमारे लिए,
सदियों से सनातन संस्कृति ने हमें दिया!

सत्संग जरूरी है सद्संस्कार पाने के लिए,
सत्संग ही मानव को मानव बना सकता!

सत्संग पशु पक्षी नहीं, मनुज को दीजिए,
संतति को माता-पिता दे संगति सच का!

मानव हो,पशु से परे व्यक्तित्व दिखाइए,
पद पैसा मात्र दिखावा मानव जीवन का!

एकता बड़ी जरूरी निरीह जीवों के लिए,
मानव के जय का एकमात्र साथी एकता!

एकता व दुर्भिसंधी में अंतर को जानिए,
एकता सुकर्म है,दुर्भिसंधी चौरकर्म होता!

– विनय कुमार विनायक,

दुमका, झारखण्ड-814101.

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