कोरोना की हमेशा बात मत कीजिए

हमेशा बात कोरोना की मत कीजिए

क्त है मेहरबान कुछ मजा लीजिए,
हमेशा बात कोरोना की मत कीजिए!

वक्त जो आई है वो टल ही जाएगी,
दिल को फिक्रमंद, कभी ना कीजिए!

समझो ये इम्तहान की घड़ी आई है,
खुशमिजाज होकर, इम्तहान दीजिए!

कोरोना की हमेशा बात मत कीजिए
कोरोना

कुछ बातें ऐसी होती है, मेरे हमदम,
जिसे रब की, मर्जी पे छोड़ दीजिए!

जिनको मौत आनी है, आएगी उसे,
सलामती हेतु रब को नमन कीजिए!

बहुत छेड़छाड किए प्रकृति के साथ,
प्रकृति को प्राकृतिक ही रहने दीजिए!

सृष्टि का मानव एक घटक भर है,
सृष्टि की हिफाजत अब से कीजिए!

कोरोना बीमारी है आम सर्दी-खांसी,
इसे आम सर्दी खांसी रोग समझिए!

ये माना कि कोरोना की दवाई नहीं,
रोग के लक्षण से ही इलाज कीजिए!

कोरोना संक्रमित करती रुग्ण जिस्म,
बीमारी से लड़ने का प्रतिरोध कीजिए !

– विनय कुमार विनायक,

दुमका, झारखण्ड-814101.

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