इंडियन विकिपीडिया » सामान्य ज्ञान » हो न रंगीन तबीयत भी – अकबर इलाहाबादी हो न रंगीन तबीयत भी – अकबर इलाहाबादी Updated on September 3, 2023 by Indian Wikipedia Share Facebook Twitter Pinterest Linkedin WhatsApp हो न रंगीन तबीयत भी किसी की या रबआदमी को यह मुसीबत में फँसा देती है निगहे-लुत्फ़ तेरी बादे-बहारी है मगरगुंचए-ख़ातिरे-आशिक़ को खिला देती है