‘मुझे कुछ कहना है’ : ख़्वाजा अहमद अब्बास की चयनित कहानियों का संकलन
नई दिल्ली : प्रगतिशील लेखकों की फेहरिस्त में ख़्वाजा अहमद अब्बास का नाम बहुत अदब से लिया जाता है। साहित्यकार, पत्रकार एवं फ़िल्म निर्माता और निर्देशक रहे अब्बास साहब की कहानियाँ आधुनिक भारत की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में शामिल हैं। ‘मुझे कुछ कहना है’ कहानी-संग्रह उनकी चयनित कहानियों का संकलन है। यह कहानियाँ न केवल भारतीय समाज की वास्तविकता को दर्शाती हैं बल्कि ख़ुद अब्बास साहब की आत्मा का दर्पण भी हैं।
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित कहानी संग्रह ‘मुझे कुछ कहना है’ में शामिल सभी कहानियों का चयन एवं
मुझे कुछ कहना है |
लिप्यांतरण उनकी नतिनी और उनके साहित्य की अध्येता ज़ोया जैदी ने किया है। इनमें से कुछ कहानियाँ हिन्दी में पहली बार प्रकाशित हुई हैं।
किताब की भूमिका में डॉ. ज़ोया ज़ैदी लिखती हैं, “ ख़्वाजा अहमद अब्बास ऐसे व्यक्ति थे जिनके जीवन का लक्ष्य होता है – एक उद्देश्य, जिसके लिए वे जीते हैं। एक मक़सद मनुष्य के समाज में बदलाव लाने का , उसकी सोई हुई आत्मा को जागने का। यही काम उन्होंने अपनी कहानियों, फ़िल्मों और अपने स्तंभों में आजीवन किया।
किताब का ख़ास आकर्षण इसमें शामिल कृष्ण चन्दर द्वारा लिया गया अब्बास साहब का साक्षात्कार है जहाँ दोनों ही फनकार साहित्य और फ़िल्मों पर लंबी बातचीत करते दिखाई देते हैं। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को ‘सात हिन्दुस्तानी’ में उनके फ़िल्मी करियर का पहला ब्रेक देने वाले अब्बास साहब के कई मज़ेदार किस्से पाठकों को उनके और क़रीब लाती है।
ख़्वाजा अहमद अब्बास के बारे में –
ख़्वाजा अहमद अब्बास प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और उर्दू लेखक थे। वे उन कुछ गिने चुने लेखकों में से एक हैं जिन्होंने मुहब्बत, शांति और मानवता का पैगाम दिया। पत्रकार के रूप में उन्होंने ‘अलीगढ़ ओपिनियन’ शुरू किया। ‘बॉम्बे क्रॉनिकल’ में ये लंबे समय तक बतौर संवाददाता और फ़िल्म समीक्षक रहे। इनका स्तंभ ‘द लास्ट पेज’ सबसे लंबा चलने वाले स्तंभों में गिना जाता है। यह 1941 से 1986 तक चला। अब्बास इप्टा के संस्थापक सदस्य थे।ख्वाजा अहमद अब्बास ने उस समय लिखना शुरू किया जब देश गुलाम था और तरक्कीपसंद शायर व लेखक एक मंच पर जुटना शुरू हुए थे, जिसकी शुरुआत में ‘इप्टा’ की स्थापना एक महत्वपूर्ण बिंदु थी।
किताब – राजकमल प्रकाशन
लेखक – ख़्वाजा अहमद अब्बास
प्रकाशन – राजकमल प्रकाशन
वर्ष : 2017
भाषा : हिंदी
पन्ना: 264
बाइंडिंग: पेपरबैक
मूल्य : 250
आईएसबीएन 13: 9788126728909