जिंदगी भर याद आएगा

जिंदगी भर याद आएगा 

वो सुबह होने पर जल्दी उठना,
वो सुबह जल्दी नाश्ते के लिए माँ पर चिढ़ना,
स्कूल देरी से जाने पर मास्टरजी से पीटना ,
जिंदगी भर याद आएगा ।
स्कूल में दोस्तों संग मस्ती करना ,
टाटपट्टी पर बैठकर जगह के लिए लड़ना,
फिर मार खाकर मुँह लटकाना ,

रवि सुनानिया
रवि सुनानिया

जिंदगी भर याद आएगा ।
दुसरो को मार खाते देख चुपके से हँसना,
पकडे जाने के बाद खुद भी मार खाना ,
भूख लगने पर टिफिन में आलू परांठा मिलना,
जिंदगी भर याद आएगा ।
दोस्तों की रोटी चुपके से खाना ,
बारिश आने पर स्कूल न जाना ,
कीचड़ में खेल कर लोटपोट हो जाना ,
जिंदगी भर याद आएगा ।
१५अगस्त २६जनवरी की रैली में चलना,
छुट्टी की एप्लीकेशन में पापा के साइन खुद करना,
घर में पता चलने पर खूब मार खाना ,
जिंदगी भर याद आएगा ।
मार खाकर माँ के आँचल में छुपना,
फिर माँ का वो प्यार से पुचकारना
ममता के साथ अपने सीने से लगाना ,
जिंदगी भर याद आएगा ।
जिंदगी भर याद आएगा ।।

यह रचना रवि सुनानिया जी द्वारा लिखी है . आप मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के ग्राम कनासिया से हैं तथा साहित्य रचना में गहरी रूचि रखते हैं . 

You May Also Like