पुस्तक मेला पर निबंध | Book Fair Essay In Hindi

पुस्तक मेला पर निबंध

पुस्तक मेला पर निबंध पुस्तक मेला पर निबंध इन हिंदी pustak mela par nibandh hindi mein essay on book fair in hindi pustak mela par nibandh mela hindi nibandh  – जब से पहली पुस्तक बाइबिल छपी थी तब से पुस्तकों का प्रकाशन और मुद्रण का कारोबार लगातार फलता – फूलता रहा है।  मनुष्य बुद्धिमान प्राणी है इसीलिए उसे भोजन ,वस्त्र तथा शारीरिक इच्छाओं को पूरा कराने वाली अन्य सुख – सुविधाओं मात्र से ही संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। उसे अपने मस्तिष्क यानी दिमाग के लिए भोजन की आवश्यकता पड़ती है। एक बुद्धिशील व्यक्ति के मस्तिष्क को महान व्यक्तियों के महान विचारों से सतत पोषित किया जाना चाहिए। इसी जरुरत ने महान विचारों को पुस्तकों के रूप में संरक्षित रखने की आवश्यकता को जन्म दिया। 

पुस्तक की विषयवस्तु

प्राचीन काल ,जब सभ्य मनुष्य सरकंडों की सहायता से पटरों पर लिखा करता था ,से लेकर आज तक हमने बहुत लम्बी यात्रा पूरी की है। जिस प्रकार की पुस्तकें आज हम देखते हैं वे हमें मंत्रमुग्ध कर देती है। आज के कागजों और छपाई की गुणवत्ता अत्यंत उच्च कोटि की होती है। चित्रों का चयन बड़ी सावधानीपूर्वक किया जाता है और उनमें उत्तम दर्जे की कला साफ़ दिखाई देती है। जो प्रकाशक पुस्तकें छापते हैं वे न केवल पुस्तक की विषयवस्तु पर बल्कि उसके प्रस्तुतिकरण पर भी काफी ध्यान देते हैं। किन्तु किसी पुस्तक को चुनते समय हमें केवल उसके मुखपृष्ठ को ही आधार नहीं मानना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है पुस्तक की विषयवस्तु। 

पुस्तक मेला पर निबंध | Book Fair Essay In Hindi

पुस्तक मेला का आयोजन

पुस्तक मेला का आयोजन आज प्रत्येक बड़े शहर और नगर में सामान्य बात हो गयी है। पुस्तक मेला दिलचस्प होता है क्योंकि यह पुस्तक प्रेमियों को नए लेखकों और प्रकाशकों की नवीनतम पुस्तकों को देखने का अवसर प्रदान करता है। पुस्तक मेला ज्ञान की वह अद्भुत दुनिया है जहाँ मानव जीवन के हर पहलू का ज्ञान उपलब्ध होता है। पुस्तक मेले का दौरा वह चीज़ है जिसकी अनेक उत्साही छात्र आतुरता से प्रतीक्षा करते हैं। 

विभिन्न प्रकार की पुस्तकें 

पुस्तक मेले में सामान्य तौर पर अनेक प्रकार की पुस्तकें रखी जाती हैं। सामान्य तौर पर अलग – अलग प्रकाशक अपने अपने स्टाल लगाते हैं। ऐसे भी व्यापारी होते हैं जो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का कारोबार करते हैं। मेले में सामान्य ज्ञान ,विश्वकोष ,शब्दकोष ,विभिन्न विषयों पर पाठ्यपुस्तकों तथा बड़ी संख्या में कथा साहित्य आदि की पुस्तकें प्रदर्शित की जाती है। अधिकांश पुस्तक प्रेमी मेले में आई नयी – नयी पुस्तकों को देखने के लिए जाते हैं। 

पुस्तक मेलों की उपयोगिता 

मुझे पुस्तकों के पन्ने उलट – पलट देखना अच्छा लगता है। मैं सामान्य तौर पर ऐसी कुछ पुस्तकें जरुर खरीदता हूँ जो मुझे रोचक लगती है और जो मेरी आर्थिक क्षमता के अनुकूल होती है। पुस्तक मेला कुछ दिनों तक लगा रहता है और वहां सिर्फ एक बार जाना पर्याप्त नहीं होता है। मुझे वहां रखी सभी पुस्तकों पर निगाह डालने की इच्छा को संतुष्ट करने के लिए कुछ और बार वहाँ जाना पड़ता है। 

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