असम प्राकृतिक सौन्दर्य की बेजोड़ भूमि | Essay on Natural Beauty of Assam​

असम प्राकृतिक सौन्दर्य की बेजोड़ भूमि

प्राचीन काल से ही असम अपने मिथक एवं रहस्यों के वातावरण ,इतिहास और लोक साहित्य ,संगीत एवं नृत्य ,हथकरघे एवं हस्तशिल्प ,प्राकृतिक परिदृश्य और भू -दृश्यों की प्रचुरता से शेष विश्व को मोहित करता रहा है। इसकी विस्मयकारी प्राकृतिक सुन्दरता ऐसी है जो हमारों पर्यटकों को अपने यहाँ से आश्चर्यजनक दृश्यों और रोमांचकारी नजारों को देखने के लिए आकर्षित करती है। 

विस्मयकारी सौन्दर्य 

असम प्राकृतिक सौन्दर्य की बेजोड़ भूमि

राज्य के भू दृश्यों में पाया जाना सौन्दर्य परिदृश्य और उसका आकर्षण यहाँ का सबसे मोहक दृश्य होता है जो पर्यटकों के दिलोदिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है। राज्य के उत्तरी एवं पूर्वी सीमान्त क्षेत्र में स्थित नीली पहाड़ियाँ अपने विस्मयकारी सौन्दर्य से पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देती है। राज्य की सीमा से सटी लम्बी पर्वत शृंखला अपने विशाल वृक्षों ,तीव्र प्रवाह से बहती नदियों ,रोमांचक जल प्रपातों ,बाँस के झुरमुटों और कुछ दुर्लभ जानवरों ,पक्षियों और वनस्पति ,जो विश्व के अन्य भागों में नहीं देखे जाते ,के निवास के लिए प्रसिद्ध है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग २५ % भाग वनों से आच्छादित है जो वृक्षों ,वनस्पति ,फूलों ,आक्रीडॉ और हर तरह के जानवरों से परिपूर्ण है। प्रकृति का सबसे उत्तम पहनावा चाय के हरे भरे बगानों के रूप में दिखाई देता है जो हिमालय की निचली पहाड़ियों में स्थित है और राज्य के भू -दृश्य को अपनी हरीतिमा से रंग देते हैं। असम नीली पहाड़ियों और लाल नदी की भूमि के रूप में जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों राज्य की जीवनरेखा है। तीव्र प्रवाह से बहती विशाल ब्रह्मपुत्र नदी का दृश्य अत्यंत विस्मयकारी होता है। ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित असंख्य छोटे -छोटे द्वीप मनोहर दृश्य प्रस्तुत करते हैं। 

प्रसिद्ध दर्शनीय स्थान 

प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों ,स्मारकों ,महलों ,किलों आदि ने असम के सौन्दर्य के आकर्षण में चार चाँद लगा दिए हैं। प्रसिद्ध कामख्या मंदिर ,उमानंद मंदिर ,नवग्रह मंदिर ,करेंग घर ,तलातल घर ,रंग घर ,गुडगाँव महल आदि पर्यटकों को आनंद और सुखद क्षणों का अहसास कराते हैं। प्राचीन सत्र अथवा मठ जो राज्य के विभिन्न भागों में स्थित हैं ,वैष्णव नवजागरण तथा असम की कला एवं संस्कृति के गढ़ होने के साथ -साथ उत्कृष्ट सौन्दर्य के स्मृति चिह्न भी है। हाफलांग ,जो एक मनोरम पर्वतीय स्थान है ,अपनी खूबसूरत झीलों और दुर्लभ किस्म के आर्किडों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है जबकि हाफलांग के ही निकट जातिंगा आत्महत्या करने वाले पक्षियों के रहस्य के लिए विख्यात है। हिमालय की तलहटी में स्थित मानस वन्यजीव अभयारण्य भव्य अभयारण्य है जो रॉयल बंगाल बाघों और सुनहरे लंगूर के लिए प्रसिद्ध है। एक सींघ वाले गैंडे तथा अन्य कई दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास यानी काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क की यात्रा करना ऐसा अनुभव होता है जिसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है। विश्व के सबसे बड़े नदी के द्वीप माजुली की यात्रा पर्यटक की स्मृतियों में हमेशा के लिए बस जाती है। 

असम प्रकृति की प्रेमपात्र

इस प्रकार से इसमें कोई संदेह नहीं है कि असम प्रकृति की प्रेमपात्र है। प्रकृति ने इसे परिदृश्य भव्यता और दुर्लभ किस्म के प्राणियों और वनस्पतियों ,ऊँची पहाड़ियों ,हरे -भरे बागानों ,तरंगित मैदानों ,विशाल नदियों के रूप में प्राकृतिक सौन्दर्य की भरपूर सौगात दी है। हाल के दिनों में मानव ने विकास के नाम पर राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता को काफी हद तक नष्ट कर दिया है। अब समय आ गया है कि सरकार इस संकट के प्रति सावधान और सजग हो जाए और इस भूमि के आदिम आकर्षण और सौन्दर्य को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें।  

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