नशे में है हर एक व्यक्ति

नशा

नशा शब्द अपने आप में बेईमान
पर कोई ना इससे अनजान
दो शब्दों से बना
इससे कोई ना बचा
किसी को वतन का नशा
किसी को धन का नशा
किसी को तन का नशा
किसी को खाने का नशा
किसी को खिलाने का नशा
किसी को खेलने का नशा
किसी को पर्दे का नशा
किसी को कुर्सी का नशा
किसी को प्यार का नशा
किसी को तकरार का नशा
किसी को यौवन का नशा
किसी को सावन का नशा
किसी को नशे का नशा
कोई इसे पाकर झूमता
नशा
नशा 
कोई इसे पीकर झूमता
नशे में हर कोई है
चूमे इसे हर कोई है
झूमे इसमें हर कोई है
नाम में भी इसका नशा है
मदहोशी है मदमस्ती है
बताओ ऐसी कौन सी हस्ती है
जो बच पाया हो
इसकी गिरफ्त से
इसकी शिरकत से
इसकी ताकत से
नशा करना
नशा होना
दोनों पृथक पृथक है
बात मेरी बस यही
नशो से बचा ना कोई
नशे से बचा ना कोई
नशे की पैरवी नहीं करती
(बिन पिए, बिन किए) बस
नशे में है हर एक व्यक्ति।।।।।

– सोनिया अग्रवाल
कुरुक्षेत्र ,हरियाणा

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