पापा जब बच्चे थे क्लास ४

पापा जब बच्चे थे

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पापा जब बच्चे थे पाठ का सारांश 

पापा जब बच्चे थे पाठ या कहानी लेखक ‘अलेक्सांद्र रस्किन’ के द्वारा लिखित है | इस कहानी में इंसान की सोच या उसकी बदलती मानसिकता को चित्रित किया गया है | अर्थात् इंसानियत के महत्व को उजागर किया गया है | प्रस्तुत कहानी के अनुसार, पापा जब छोटे थे तो उनसे अक्सर पूछा जाता था, ” बड़े होकर तुम क्या बनना चाहते हो ?” पापा के पास जवाब हमेशा तैयार होता था | पर उनका जवाब हर बार अलग-अलग होता था | शुरूआत में वे चौकीदार बनना चाहते थे | क्योंकि जब पूरा शहर सोता है तब चौकीदार जागता रहता है | फिर उनकी नज़र आइसक्रीम वाले पर गई और उन्होंने निश्चय किया कि वे आइसक्रीम बेचेंगे | घूमते हुए वे स्वयं भी आइसक्रीम खाएँगे और बच्चों को भी मुफ्त में आइसक्रीम खिलाएँगे | पापा के माता-पिता उनकी इस बात पर खूब हँसा करते थे | 
एक दिन पापा ने रेलवे स्टेशन पर शंटिग करने वाले आदमी को देखा | तत्पश्चात्, उन्होंने निश्चय किया कि वे बड़े
पापा जब बच्चे थे
पापा जब बच्चे थे

होकर रेलगाड़ी के डिब्बों की शंटिग करेंगे | जब उनसे पूछा गया कि फिर आइसक्रीम बेचने के काम का क्या होगा ? तब पापा ने जवाब दिया कि वे शंटिग भी करेंगे और आइसक्रीम भी बेचेंगे | फिर उनसे पूछा गया कि वे दोनों काम एक साथ कैसे करेंगे, तो पापा ने जवाब दिया कि वे सुबह में आइसक्रीम बेचा करेंगे और उसके बाद स्टेशन चले जाएंगे | कुछ देर डिब्बों की शंटिग करने के बाद वे फिर आइसक्रीम बेचने आ आएंगे | कुछ देर आइसक्रीम बेचकर फिर स्टेशन चले जाएँगे | सभी हँस पड़े | तभी पापा गुस्से में आकर बोले — ” अगर तुम मेरी हंसी उड़ाओगे तो मैं साथ में चौकीदार भी बन जाऊँगा | आखिर रात में करने के लिए होता ही क्या है !”

तत्पश्चात्, एकदिन पापा को वायुयान चालक बनने की सूझी | इसके बाद उन्होंने अभिनेता बनने की सोची | इसके अलावा वे जहाजी और चरवाहा भी बनने की बात सोच रहे थे | अंत में एकदिन वे तय कर लिए कि वह असल में जो बनना चाहते हैं, वह है कुत्ता | उन्होंने बहुत जल्दी कुत्ते जैसा व्यवहार करना सीख लिया था | जब वे एक कुत्ते के पास जाकर बैठ गए, तब उसी समय एक अजनबी फौजी अफसर उधर से निकला | वह खड़ा होकर पापा को देखने लगा | फिर उसने पूछा — ” यह तुम क्या कर रहे हो ?”  पापा ने जवाब दिया — ” मैं कुत्ता बनना सीख रहा हूँ |” तभी फौजी अफसर ने पुन: सवाल किया — ” तुम कुत्ता बनना क्यों चाहते हो ?” पापा ने कहा — ” क्योंकि मैं बहुत दिनों तक इंसान बनकर रह चुका हूँ | फौजी अफसर ने पापा से कहा — ” बात तो सही है, पर क्या तुम जानते भी हो इंसान कहते किसको हैं ?” पापा ने कहा — ” मुझे तो नहीं पता | आप ही बता दीजिए |”  इसके बाद अफसर यह कहकर वहाँ से चला गया कि इसके बारे में तुम स्वयं सोचो |
तत्पश्चात्, पापा गम्भीर होकर सोचने लगे | उन्हें यह बात समझ में आ गई कि वह रोज़-रोज़ अपना इरादा नहीं बदल सकते | दूसरी बार जब पापा से वही सवाल पूछा गया तो उन्हें अफसर की याद आ गई और उन्होंने कहा — ” मैं इंसान बनना चाहता हूँ |” इस बार कोई नहीं हंसा और पापा समझ गए कि यही सबसे अच्छा जवाब है…|| 

पापा जब बच्चे थे कहानी का उद्देश्य 

पापा जब बच्चे थे कहानी का उद्देश्य यह है कि हमें कुछ भी बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना चाहिए | ताकि हम एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार कर सकें | वास्तव में, इंसानियत से बड़ा कुछ भी नहीं होता | 

पापा जब बच्चे थे प्रश्न उत्तर question answer

प्रश्न-1 पापा ने जितने काम सोचे, उनमें से तुम्हें सबसे दिलचस्प काम कौन-सा लगता है ? क्यों ?
उत्तर- (नोट:- इसका व्यक्तिगत रूप से पृथक-पृथक उत्तर हो सकता है |) व्यावसायिक रूप में देखें तो पापा के द्वारा सोचे गए कामों में सबसे दिलचस्प काम वायुयान चलाना है | परन्तु, व्यावहारिक रूप में पापा के द्वारा सोचे गए कामों में सबसे दिलचस्प काम इंसान बनना है | क्योंकि इंसान अपने अच्छे गुणों के कारण सम्मान पाता है | आपमें अच्छे गुण तभी आएँगे, जब आप एक अच्छा इंसान बनेंगे | 
प्रश्न-2 शुरू-शुरू में पापा चौकीदार बनना चाहते थे | • चौकीदार रात को भी काम करते हैं | इसके अलावा और कौन-कौन से कामों में रात को जागना पड़ता है | 
उत्तर- चौकीदारी के अलावा निम्नलिखित कामों में रात को जागना पड़ सकता है — 
• रात में चलने वाली बसों, ट्रेनों, वायुयानों आदि के ड्राइवर को जागना पड़ता है | 
• जिन व्यवसायों में रात्रि ड्यूटी लगती है, उनके  कर्मचारियों को रात में जागना पड़ सकता है | जैसे- नर्स, डॉक्टर, पुलिस अादि | 
प्रश्न-3 अगर तुम रेल से सफर करोगी तो तुम्हें प्लेटफार्म और रेलगाड़ी में कौन-कौन लोग नज़र आएँगे ?
उत्तर- अगर मैं रेल से सफर करूँगी तो मुझे प्लेटफार्म और रेलगाड़ी में अलग-अलग वेशभूषा से सुसज्जित लोग नज़र आएँगे | साथ ही कुली, रेलवे पुलिस टी.ई.टी. , चाय-नाश्ता बेचने वाले लोग, किताबें और पत्रिकाएं बेचने वाले लोग आदि नजर आएँगे | 
प्रश्न-4 पापा के पापा को दादा कहते हैं | इन्हें तुम अपने घर में क्या कहकर बुलाओगी ? 

• पापा के पापा ………?……….
• पापा की माँ………. .?……….  
• पापा के बड़े भाई…..?…………
• पापा की बहन………?…………
• पापा के छोटे भाई…..?………..
• माँ के पापा………….?……………
• माँ की माँ……………?…………… 
• माँ के भाई…………..?……………
• माँ की बहन…………?……………
• बहन के पति………..?……………
उत्तर-  मैं इन्हें निम्नलिखित नामों से बुलाऊँगी – 
• पापा के पापा — दादा जी 
• पापा की माँ — दादी जी 
• पापा के बड़े भाई — ताऊ जी 
• पापा की बहन — बुआ जी 
• पापा के छोटे भाई — चाचा जी 
• माँ के पापा — नाना जी
• माँ की माँ — नानी जी
• माँ के भाई — मामा जी
• माँ की बहन — मौसी जी
• बहन के पति — जीजा जी 
प्रश्न-5 नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो | इन पंक्तियों के आधार पर बताओ कि तुम पापा के बारे में क्या सोचती हो ? 

(क) पापा के पास जवाब हमेशा तैयार होता था | 
      ऐसा लगता है कि…………?……………..

(ख) पापा का जवाब हमेशा अलग-अलग होता था | 
      ऐसा लगता है कि…………..?………….

(ग) मैं छोटे बच्चों को मुफ़्त में आइसक्रीम दिया
      करूँगा | ऐसा लगता है कि………?……….

(घ) रात में करने के लिए होता ही क्या है ? रात में
      मैं चौकीदारी करूँगा | ऐसा लगता है कि..?..
उत्तर- मैं ऐसा सोचती हूँ – 
(क) ऐसा लगता है कि पापा बहुत जानकार थे | 
(ख) ऐसा लगता है कि पापा सोच-समझकर नहीं बोलते थे | 
(ग) ऐसा लगता है कि पापा बहुत दयालु थे | 
(घ) ऐसा लगता है कि पापा बहुत परिश्रमी थे | 
प्रश्न-6 अपने मम्मी या पापा से पता करो कि वे जब बच्चे थे तब बड़े होकर क्या-क्या करने की सोचते थे | 
उत्तर- (नोट:- इस प्रश्न का उत्तर व्यक्तिगत रूप से भिन्न-भिन्न हो सकता है |)
मेरी मम्मी जब बच्ची थी, तब बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती थी और मेरे पापा जब बच्चे थे, तब बड़े होकर शिक्षक बनना चाहते थे | 


पापा जब बच्चे थे शब्द अर्थ  

• हमेशा – सदा, सदैव 
• अक्सर – प्रायः 
• अजीब – विचित्र 
• पक्का – निश्चित 
• हैरानी – आश्चर्य
• मुश्किल – कठिन 
• चरवाहा – मवेशी चराने वाला 
• अभिनेता – फ़िल्मों में अभिनय करने वाला 
• मजेदार – रोचक
• अड़े रहे – टिके रहे
• अचंभा – आश्चर्य
• तय किया – निश्चय किया
• अजनबी – अनजान व्यक्ति, अपरिचित 
• वक्त – समय, काल 
• इरादा – इच्छा | 

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