पुस्तक लौटाने का आग्रह करते हुए मित्र को पत्र
Letter to Friend Asking Him to Return Your Books
१२५ विकासनगर ,
लखनऊ – ७५
दिनांकः १९/०५/२०२१
प्रिय राजेश ,
कैसे हो ? आशा करता हूँ कि तुम कुशलतापूर्वक होगे। बहुत दिनों से तुम्हारा कोई समाचार नहीं मिला ,न ही तुम इधर मुझे मिलने आये हो। राजेश ,पिछले महीने में तुमने मेरी पुस्तक प्रेमचंद की गोदान पढ़ने के लिए ले गए थे और तुमने कहा था कि दस दिन में वापस कर दोगे,लेकिन उस बात को इतने दिन हो गए हैं और तुम्हारे दस दिन पूरे नहीं हुए।
यह बात ठीक नहीं है। मित्र का मतलब यह होता है कि एक मित्र अपने मित्र की सुविधा – असुविधा का ध्यान रखे और कोशिश करे कि मित्र को असुविधा न हो। यदि तुमने इस हफ्ते पुस्तक नहीं लौटाई तो मैं यह मान लूँगा कि तुम मेरे दोस्त नहीं हो।
तुम्हारा मित्र
रजनीश सिंह
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