मां होती ही सब की जान है
माँ शब्द छोटा है
पर अर्थ गहरा है
सारी दुनिया से
निस्वार्थ रिश्ता है
सारा दुख दर्द
उसके आगे हल्का है
हमारी हंसी में
हमारी इच्छापूर्ति में
महकता उसका पूजा द्वार है
मनुहारो :ना मुकर में
उसकी हर मन इच्छा है
स्वाद जो उसके हाथो में
आगे उसके पांच सितारा फीका है
हम रोए ;तो रोती वो है
अपना हर एक आंसू छुपाती वो है
सारी उमर जो हमारे लिए जीती
अपने सौंदर्य को भी हमारे लिए खोती
भगवान के बाद जो कोई है
वो ही है
वो ही है
वो ही है
नमन है उस ; हर एक मां को
बिन जिसके ये धरती वीरान है
ये धरती बनती ही मां से महान है
मां होती ही सब की जान है
मां होती ही सब की जान है
– सोनिया अग्रवाल