सुन लो हमारी कहानी ये प्यारी

सुन लो हमारी कहानी ये प्यारी

सुन लो हमारी कहानी ये प्यारी
जिससे जुड़ी है हर याद हमारी

न हमको पता है न तुमको पता है

हर डाल से लिपटी क्यूँ कर लता है
ये बाग भी महक से क्यूँकर सजा है

पायल पहनकर क्यूँ नाचे हवा है
क्यूँ शाख पर हर इक पत्ता हरा है
लगता है जैसे इन सबको पता है

कितनी हसीं थी ये दास्ताँ हमारी
आवो फिर कह दें सबसे ये कह दें

सुन लो हमारी कहानी ये प्यारी
जिससे जुड़ी है हर याद हमारी
——

बनठन के निकले खुश्बू छलकती
उड़े ज्यों जुगनू की टोली दमकती
गीतों की धुन पे शाखें लचकती

कोयल भी कूके चिरैया चहकती
गाती चलें यें हर सुर पे बहकती
हर दिल की गली में गुल-सी महकती

सच्ची लगन से सजावो तुम क्यारी
और बसाओ जादू नगरी हमारी

सुन लो हमारी कहानी ये प्यारी
जिससे जुड़ी है हर याद हमारी
         

यह कविता  भूपेंद्र कुमार दवे जी द्वारा लिखी गयी है आप मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल से सम्बद्ध रहे हैं आपकी कुछ कहानियाँ व कवितायें आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है बंद दरवाजे और अन्य कहानियाँबूंद- बूंद आँसू आदि आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैसंपर्क सूत्र  भूपेन्द्र कुमार दवे,  43, सहकार नगररामपुर,जबलपुरम.प्र। मोबाइल न.  09893060419.

You May Also Like