आगाज ए उल्फत मेँ चुप हैँ
आगाज ए उल्फत मेँ चुप हैँ गर्दे जबान!
कुछ नुमाइशोँ पर तहरीर हैँ गर्दे जबान।
तमाम अर्जी दलीलोँ की फकत बेचैन हैँ,
बेअदब जीरह से वाजिब हैँ गर्दे जबान।
उनके शोर ए मर्तबा महफिलोँ मेँ बार बार,
खुद्दार हकीकतोँ पर मुरीद हैँ गर्दे जबान।
बनके ख्वाब बयानोँ मेँ हो जाते चर्चा शबब,
रूह से अश्क तक इजहार हैँ गर्दे जबान।
बेपनाह गम का अदब कयामत से ऊपर,
चश्मदीद नजारोँ से क्या मागेँ हैँ गर्दे जबान।
यह रचना राहुलदेव गौतम जी द्वारा लिखी गयी है .आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है . आपकी “जलती हुई धूप” नामक काव्य -संग्रह प्रकाशित हो चुका है .
संपर्क सूत्र – राहुल देव गौतम ,पोस्ट – भीमापर,जिला – गाज़ीपुर,उत्तर प्रदेश, पिन- २३३३०७
मोबाइल – ०८७९५०१०६५४