आदि गंगा साफ करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए

आदि गंगा साफ़ करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए – रावेल पुष्प

कोलकाता 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस की इस साल की थीम है- केवल एक पृथ्वी और इस साल का नारा है- पृथ्वी के साथ सद्भाव से रहना। यह सच है कि अब तक हमारे पास मात्र एक ही ऐसा ग्रह है- पृथ्वी, जिस पर मानव और दूसरे जीव- जंतु तथा वनस्पति हैं, इसलिए हमें हर हाल में इसके साथ ऐसा व्यवहार करना है कि यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से रहने लायक बनी रहे।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण की बेहतरी के लिए समर्पित संस्था फाउंडेशन ऑफ ग्रीन सोसाइटी ने एक परिचर्चा कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित की, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वक्तव्य दे रहे थे कवि,पत्रकार श्री रावेल पुष्प। उन्होंने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि टालीगंज मेट्रो स्टेशन से गरिया तक मेट्रो ट्रेन के गुजरने वाले पुल के नीचे एक बड़ा गंदा नाला है, जहां से गुजरने पर नाक में रुमाल रखना पड़ता है। दरअसल ये नाला ही आदि गंगा है जिसका नाम लेने पर भी हमें अब शर्म आती है। उन्होंने सोसाइटी के सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि आज आदि गंगा साफ करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल का उदाहरण दिया जिन्होंने पंजाब में व्यास की सहायक नदी वेईं को एक मुहिम के तहत बिल्कुल साफ कर दिया था,जिस नदी में ही गुरु नानक को नानकत्व की प्राप्ति हुई थी।

आदि गंगा साफ करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए
इस मौके पर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. तापस चक्रवर्ती ने जहां सोसायटी के क्रियाकलापों एवं भावी योजनाओं के बारे में जानकारी दी, वहीं पर्यावरणविद् डॉ गौतम साहा और साहित्यकार श्यामल भट्टाचार्य ने पर्यावरण के वैश्विक सन्दर्भों का जिक्र किया तथा हमारी पृथ्वी के दिन-ब-दिन खराब हो रही स्थिति पर चिंता व्यक्त की। आखिर में परिवेश कर्मी गौतम कुंडू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
फाउंडेशन के सार्थक क्रियाकलापों से प्रभावित होकर वहां उपस्थित कई श्रोताओं ने इससे जुड़ने के लिए आवेदन भी किए।
संलग्न चित्र: परिवेश दिवस पर परिचर्चा में भाग लेते हुए (बायें से) डॉ गौतम साहा, डॉ तापस चक्रवर्ती,रावेल पुष्प, श्यामल भट्टाचार्य तथा गौतम कुण्डु.
प्रेषक: रावेल पुष्प, वरिष्ठ पत्रकार, कोलकाता.
9434198898. 

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