ऐसे उदास नज़रों से – अनामिका घटक की कविता

ऐसे उदास नज़रों से  न देखो
दिल दहल जाएगा
उदास क्यों हो बता दो गर
दिल बहल जाएगा
माथे पर शिकन
आँखों में उदासी
चेहरा बेनूर कर देगा
परेशान क्यों हो
रास्ते कई है
उलझन है सुलझ जाएगा

मित्र,सखा,बंधु
कुछ भी कह लो मुझे
मै हूँ हर पल
साथ तुम्हारे

मानो न मानो
अपना मुझे तुम
इस कठिन घड़ी में हूँ
आस पास तुम्हारे

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