कविता मेरी दुनिया है

मेरी कविता – स्नेह

विता मेरे हंसने में हैं
कविता मेरे रोने में हैं
कविता मेरे हाल में हैं
कविता मेरी चाल में हैं
कविता मेरे हाथों में हैं
कविता मेरी बातों में हैं
कविता मेरे हाव में हैं
कविता मेरी दुनिया है

कविता मेरे भाव में हैं

कविता मेरे सपनों में हैं
कविता मेरे अपनों में हैं
कविता मेरी आन में हैं
कविता मेरी शान में हैं
कविता मेरे मान में हैं
कविता मेरी जान में हैं
कविता मेरे दिन में हैं
कविता मेरी रात में हैं
कविता मेरे काम में हैं
कविता मेरी आराम में हैं
कविता मेरे सफर में है
कविता मेरे ठहराव में हैं
कविता मेरे शब्दों में हैं
कविता मेरी अर्थों में हैं
कविता मेरे वाक्यों में हैं
कविता मेरे भाषा में हैं
कविता मेरे विचारों में हैं
कविता मेरे आज में हैं
कविता मेरे कल में हैं
कविता मेरे दुखों में हैं
कविता मेरी खुशियों में हैं
कविता मेरे गीतों में हैं
कविता मेरी धुन में हैं
कविता मेरे खाने में है
कविता मेरे पीने में हैं
कविता मेरे एहसास में हैं
कविता मेरी अदाओं में हैं
कविता मेरी फिजाओं में हैं
कविता मेरे अंदर हैं
कविता मेर बाहर हैं
कविता मेरे आचरण में हैं
कविता मेरे आदर में हैं
कविता मेरे सत्कार में हैं
कविता मेरे मन में हैं
कविता मेरे मंदिर में है
कविता मेरी भक्ति में हैं
कविता मेरी उपासना हैं
कविता मेरी आस्था हैं
कविता मेरी श्रद्धा हैं
कविता मेरी जन्नत हैं
कविता मेरा लक्ष्य हैं
कविता मेरे आंगन में हैं
कविता मेरी जान हैं
कविता मेरी दुनिया हैं
उसके सिवा कुछ और नहीं आता मुझको
कविता मेरी शुरुआत हैं
कविता ही मेरा अंत हैं ।
– पवन कुमार मीणा
मुण्डावर, अलवर (राज०)
संपर्क सूत्र:- 9588285201

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