कवि सम्मेलन जमाता हूँ

कवि सम्मेलन जमाता हूँ

ज मोहल्ले में
एक कवि से
मेरी बगावत हो गयी

कवि सम्मेलन जमाता हूँ

कहा सुनी, धक्का मुक्की 
यूँहीं बरस गयी |
कवि  हठीला जोशीला
कविता सुनाने लगा
शब्दों के तालमेल बिठाने लगा
हँसता उदास हो
दहाड़ने लगा, 
मुझसे कहने लगा
सुनो भाई सुनो
मुफ्त में सुनाता हूँ
गाता हूँ
गुनगुनाता हूँ
कवि हूँ
घर, द्वार, मोहल्ले, चौराहे पर
कवि सम्मेलन जमाता हूँ |


– अशोक बाबू माहौर 
ग्राम कदमन का पुरा, तहसील अम्बाह, 
जिला मुरैना (मप्र) 476111 मो 8802706980

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