क्या कर दिया
मजाक ही मजाक मे तुमने क्या कर दिया।
जो जख़्म भरा था फिर हरा कर …दिया।।
जरा कुछ देर ठहर सोचा तो …होता।
हृदय के तराजू मे खुद तोला तो होता।।
प्रीति जैन |
चाहने वालो ने खुद को फ़ना कर दिया।
मोम के पुतले सा फिर खड़ा कर दिया।।
प्यार के नाम दिलोँ से यूँ खेला न होता।
मरते को तो कम से कम झेला तो होता।
क्यूँ अपनी जिंदगी का नक्शा बदल दिया।
विश्वास को ही मज़े मे कफ़न कर दिया।।
काश खुद को “मै”से हम बनाया होता।
टूटे दिलको खुदगर्जी मे न जलाया होता।।
संगदिली मे प्यार को नफरत कर दिया।
अपने ही हाथो दिल का कतल कर दिया।