इंडियन विकिपीडिया » हिन्दी » चलते हो तो चमन को चलिये – मीर तक़ी ‘मीर’ चलते हो तो चमन को चलिये – मीर तक़ी ‘मीर’ Updated on October 6, 2023 by Indian Wikipedia Share Facebook Twitter Pinterest Linkedin WhatsApp चलते हो तो चमन को चलियेकहतए हैं कि बहाराँ है पात हरे हैं फूल खिले हैंकम कम बाद-ओ-बाराँ है आगे मैख़ाने को निकलोअहद-ए-बादा गुज़ाराँ है लोहु-पानी एक करे येइश्क़-ए-लालाअज़ाराँ है इश्क़ में हमको “मीर” निहायतपास-ए-इज़्ज़त-दाताँ है Tags: meer taqi meer shayari