जब मैंने साइकिल चलाना सीखा
When i learned cycling in Hindi
जब मैंने साइकिल चलाना सीखा jab maine cycle chalana sikha essay in hindi jab maine cycle chalana sikha Hindi साइकिल चलाने का पहला अनुभव जब मैंने साइकिल चलाना सीखा पर निबंध जब मैंने साइकिल चलाना सीखा एस्से इन हिंदी – साइकिल चलाना मुश्किल काम है ,लेकिन अभ्यास द्वारा इसे सीखा जा सकता है .मैं कक्षा ६ में पढ़ता हूँ और मेरी आयु १२ वर्ष है .पिछली गर्मिओं की छुट्टियों में मैंने
साइकिल चलाना |
साइकिल सीखने की योजना बनायीं .मेरा विद्यालय घर से २ किलोमीटर की दूरी पर है ,तो साइकिल चलाकर जाने से जल्दी पहुँच पाता.मैंने अपने विचार अपने बड़े भैया से बताई .वे साइकिल सिखाने के लिए तैयार हो गए .
अगले दिन भैया की साइकिल लेकर हम मैदान में गए .साइकिल चलाने का विचार अलग बात है और उसे चलाना अलग बात है . जब मैंने पहली बार साइकिल की गद्दी पर बैठा ,तो मैं साइकिल लेकर गिर पड़ा. लेकिन भैया के प्रोत्साहन से कैंची का अभ्यास करने लगा .भैया ने मुझे दो दिन में ही कैंची साइकिल चलाना सिखा दिया .तो अगले दिन सुबह ही सुबह साइकिल लेकर भागना शुरू कर दिया .पड़ोसी भी मेरे साइकिल चलाने को लेकर खुश थे .मुझे इस बात पर अभिमान हो गया .तो सोचा क्यों न साइकिल की गद्दी पर बैठकर चलाया जाय ,लेकिन जैसे ही साइकिल की गद्दी पर बैठकर चलाना शुरू किया .मैं संभल नहीं पाया और गिर गया .मेरे घुटने और कोहनी में काफी चोटें आई .साइकिल उठाकर किसी प्रकार घर पहुँचा .पापा ने मुझे बहुत डानता और डॉक्टर से दवा दिलवाई .इस घटना पर भैया में मुझे बहुत प्रोह्साहित किया .अगले ही दिन भैया और मैं साइकिल लेकर निकल पड़े .भैया साइकिल की कैरियर पर बैठकर मुझे गद्दी पर बैठा दिया ,जिससे मेरा बैलेंस न बिगड़े .मैं धीरे – धीरे साइकिल की पैडल मार मार कर सीखने लगा . दो दिन बाद भैय्या ने मुझे अकेले साइकिल चलाने को कहा और डरने से मना किया .तो मैं साइकिल संभाल कर चलाने लगा .इसके बाद चमत्कार यह हुआ कि मैं गिरा नहीं .
एक सप्ताह के अभ्यास से मैं साइकिल चलाना सीख गया .यह सब हुआ मेरे भैया के प्रोत्साहन और मेरी लगन से .साइकिल चलाने में चोट भी लग जाती है ,लेकिन धैर्य और अनुशासन से यह सीखा जा सकता है .अब मैं अपने विद्यालय साइकिल से ही जाता हूँ .मुझे साइकिल चलाना इतने अच्छी तरह से आती है कि इस सप्ताह से मैं अपने दोस्त रजनीश को साइकिल चलाना सिखा रहा हूँ .
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