कबीर के दोहे

कबीर के दोहे

कबीर‘ भक्ति आन्दोलन के एक उच्च कोटि के कवि, समाजसुधारक एवं भक्त माने जाते है। कबीर दयालु और सेवा परायण व्यक्ति थे। लोक कल्याण के हेतु ही मानो उनका समस्त जीवन था। कबीर को वास्तव में एक सच्चे विश्व – प्रेमी का अनुभव था। कबीर की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उनकी प्रतिभा में अबाध गति और अदम्य प्रखरता थी। समाज में कबीर को जागरण युग का अग्रदूत कहा जाता है। डॉ.हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है कि साधना के क्षेत्र में वे युग -युग के गुरु थे,उन्होंने संत काव्य का पथ प्रदर्शन कर साहित्य क्षेत्र में नव निर्माण किया था।
यहाँ पर कबीर के दोहे दिए जा रहे है। आशा है कि इसके मध्यम से कबीर के साहित्य के सौंदर्य एवं उनकी लोक दृष्टि को समझने में सहायता मिलेगी ।


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