जिद्द बच्ची की
बच्ची दौड़कर अपने पापा से लिपट गई I मुँह मुरझाया सा लेकर I
“पप्पा मुझे वो गाड़ी दिलाओ न I “
“बेटी वो गाड़ी नहीं लेते ,महँगी है I “
“नहीं मुझे वही वाली गाड़ी चाहिए I “
बच्ची जिद्दी ,रो उठी आँखें नन्हीं आँसुओं से लद गईं I पिताजी जिद्द के सामने झुक गए I आखिर वही गाड़ी खरीदकर बच्ची को देनी पड़ी I
“पप्पा मुझे वो गाड़ी दिलाओ न I “
“बेटी वो गाड़ी नहीं लेते ,महँगी है I “
“नहीं मुझे वही वाली गाड़ी चाहिए I “
बच्ची जिद्दी ,रो उठी आँखें नन्हीं आँसुओं से लद गईं I पिताजी जिद्द के सामने झुक गए I आखिर वही गाड़ी खरीदकर बच्ची को देनी पड़ी I
यह
रचना अशोक बाबू माहौर जी द्वारा लिखी गयी है . आपकी विभिन्न पत्र –
पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है . आप लेखन की विभिन्न विधाओं में
संलग्न हैं . संपर्क सूत्र –ग्राम – कदमन का पुरा, तहसील-अम्बाह ,जिला-मुरैना (म.प्र.)476111 , ईमेल-ashokbabu.mahour@gmail.com