जिनके घर में कुत्ता है

जिनके घर में कुत्ता है

जिसके घर में कुत्ता होगा कभी भी उसका घर नहीं जाने का फैसला किया  है मैंने । मैं जानता हूं मेरे बहुत सारे दोस्तों और परिजनों को कुत्ते बहुत  पसंद हैं । उनके घर में एक से ज्यादा कुत्ते हैं । मैं यह बात जानता हूं कि अगर मैं उनके घर न जाऊं तो उनका मन खराब होगा अथवा वह दु:खी होंगे । मैं भी अपने दोस्तों से बहुत प्यार करता हूं, उनके घर जाना चाहता हूं । लेकिन प्रॉमिस  इज-प्रॉमिस  । 
   
कुत्ता
कुत्ता

 दिल पर पत्थर रख कर मैंने यह प्रामिस किया है । हाल ही में अपने छोटे भाई के बेटे के उपनयन संस्कार में उनके घर गया था । वहां  मुझे चार दिन रहना पड़ा । उसका एक बड़ा अल्सतियन कुत्ता है । भूरे रंग का यह कुत्ता ऊंचाई में बिलकुल बछड़ा जैसा है । लेकिन यह बछड़े जैसा शांत नहीं बल्कि भेड़िया जैसा क्रोधी और आक्रामक है । जेट विमान जैसा दहाड़ लगाता है । उस कुत्ते के लिए मेरा जीवन असहनीय हो गया था । कैसे क्या हुआ वह आपको बतला रहा हूं । उसके बाद ही आपको यह अहसास होगा कि जिस घर में कुत्ते हों उस घर में अतिथि बनकर जाना कितना कष्टदायक है ।

   मैं गर्मी में गया था । मेरे छोटे भाई के बेडरूम में एसी लगा हुआ है । गर्मी में सभी एसी में रहना चाहते हैं । लेकिन कोई रहे चाहे न रहे कुत्ता वातानुकूलित घर में जरूर रहेगा । उसके शरीर में रूयें होने कारण उसे बहुत गर्मी लगती है । जो कुत्ते के साथ एडजस्ट  कर रह पाएगा वही एसी कमरे में सोए । मैं बरमदे पर सोया । मैं सोया रहूंगा और भेडि़या जैसा दिखने वाला कुत्ता गर मेरे ऊपर चढ़ जाए तो, मैं तो हार्ट अटैक  से मर जाऊंगा । उससे  अच्छा है कि मैं गर्मी में बरमदे पर ही सोऊं । 
   कुत्ते में मांस और भात खाया । क्योंकि वह इसके अलावा और कुछ भी नहीं खाएगा । मुझे दाल-चावल खाकर ही संतुष्ट रहना पड़ा । उपनयन संस्कार के दौरान मांसाहार ठीक नहीं । उसके बाद पामेला एंडरसन, मेनका गांधी से लेकर बाबा रामदेव तक सभी कह रहे हैं कि इंसानों को मांसाहार नहीं करना चाहिए । जितना कम मसाला शरीर में जाएगा स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहेगा । 
   मेरा छोटा भाई सुबह होते ही कुत्ते को शौच के लिए ले जाता है । वह  बुद्धिहीन पशु है । उसे अगर बाहर कोई शौच के लिए नहीं ले गया तो वह घर में ही कार्यक्रम कर देगा ! कुत्ता लेफ्ट-राइट करते करते बाहर निकला । खुली हवा में अपना काम किया । मैं टायलेट के सामने  कतार में खड़ा रहा । घर में अगर  कोई कार्यक्रम हो तो बहुत लोग आते हैं । सुबह का कार्यक्रम जरूरी होता है । इसीलिए यह कतार । कुत्ता बहुत आनंद में है । पेट का सारा माल निकाल कर लौट चुका है और मैं उसी तरह अंगोछा पहनकर हाथ में साबुन लिए खड़ा है । कुत्ता मुझे देखकर भौंकने लगा । 
    जिस घर में कुत्ता होता है, उस घर में ज्यादा चर्चाएं भी कुत्ते को लेकर होती है । कुत्ता उस घरका स्टार है । वह किस तरह से हैंडशेक  करता है, किस तरह से बिस्कुट खाता है, घरवालों को कैसे पहचानता है और बाहरवालों को कैसे काटने को दोड़ता है इत्यादि सुन-सुन कर आप बोर हो जाएंगे । कभी कोई चोर घर मे घुसा हो और कुत्ते ने उसे पहचान कर भौंक दिया हो सालों तक उसकी चर्चा होती रहेगी । जिस घर में कुत्ता हो उस घर में और किसीके बारे में बात ही नहीं होती । केवल कुत्ता । वह घर का हीरो है । घर की ताज है । घर का लाड़ला है वह । टीवी देखते समय चाहे वह भौंके या आपके शरीर को चाटे आपको सब सहना होगा । उसे सलहाना होगा । वरना वह अभिमान कर सकता है । इतना सब करने के बावजूद भी वह आपका वफादार बना रहे उसकी कोई गारंटी नहीं । उसे कभी आप दूरमार नहीं सकते । अगर आपने कभी एेसा किया तो या तो कुत्ता या फिर आपके दोस्त अथवा दोनों ही आपसे नाराज हो सकते हैं । 

– मृणाल चटर्जी
अनुवाद- इतिश्री सिंह राठौर

मृणाल चटर्जी ओडिशा के जानेमाने लेखक और प्रसिद्ध व्यंग्यकार हैं । मृणाल ने अपने स्तम्भ ‘जगते थिबा जेते दिन’ ( संसार में रहने तक) से ओड़िया व्यंग्य लेखन क्षेत्र को एक मोड़ दिया । इनका एक नाटक संकलन प्रकाशित होने वाला है । 

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