तेरी यादों से दूर होना चाहता हूँ

विकल्प


सुबह को भूलना चाहता हूं 
सांझ में बसियाए घाव को 
भूलना चाहता हूं 
अपने अनगिनत अभिलाषाओं से 
दूर जाना चाहता हूं 

तेरी यादों से दूर होना चाहता हूँ

अपने असीम पीड़ा से 
छुटकारा पाना चाहता हूं 
बस किसी तरह तेरी यादों से 
दूर होना चाहता हूं 
हां!
खिड़की से लटकते सूरज को
अंतिम प्रत्यक्ष देखना चाहता हूं
घूटती सांसों से पहले
ब्लड प्रेशर बढ़ने से पहले
अपने उलझे कोलाहल से
एक सन्नाटा चाहता हूं
बस रात होने से पहले
मुझ पर मेरा रोग
‘अल्जाइमर’ हावी हो जाए
और
कुछ क्षण से अधिक
आन द स्पॉट
मैं सबकुछ भूल जाऊं…

– राहुलदेव गौतम

You May Also Like