धरती का सुरक्षा कवच देवेंद्र मेवाड़ी Gunjan Hindi Book 8

धरती का सुरक्षा कवच देवेंद्र मेवाड़ी

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धरती का सुरक्षा कवच पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ  धरती का सुरक्षा-कवच, लेखक देवेंद्र मेवाड़ी जी के द्वारा लिखित है | उल्लेखनीय है कि यह पाठ पत्र विधा में लिखित है | वास्तव में लेखक देवेंद्र मेवाड़ी जी एक वैज्ञानिक चेतनासंपन्न लेखक हैं | विज्ञान संबंधी विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं | इस पत्र में ओजोन परत के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी दी गई है | लेखक के अनुसार, ओजोन परत की सुरक्षा में ही हम सबकी सुरक्षा निहित है | 

प्रस्तुत पाठ के अनुसार, लेखक पत्र में अपनी पोती पल्लवी को संबोधित करते हुए कहते हैं कि प्रिय पल्लवी, तुम्हारा पत्र पाकर मुझे बहुत खुशी हुई | मुझे खुशी है कि तुममें नई चीज़ों को सीखने और नई बातों को जानने की ललक है | पल्लवी, तुमने अपने पत्र में लिखा है कि दादा जी, यह ओज़ोन का कवच क्या होता है ? इसे पृथ्वी का सुरक्षा-कवच क्यों कहते हैं ? 

पल्लवी, मैं समझ गया, तुम्हें अचानक ओजोन की याद क्यूँ आई  ⃓ तुमने अखबार में पढ़ा होगा कि ओजोन की परत में छेद हो रहा है  ⃓ वह कमज़ोर पड़ रही है  ⃓ यह बड़ी चिंता का विषय है…, क्यों मेरा अनुमान ठीक है न ? और तुम्हें यह भी पता लग गया होगा कि सितम्बर माह करीब है, जिस महीने के 16 तारीख को ‘विश्व ओजोन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है  ⃓ दादा जी पल्लवी से कहते हैं कि ओजोन और ओजोन के सुरक्षा कवच को समझने के लिए तुम्हें सबसे पहले वायुमंडल को समझना होगा  ⃓ तुम जानती हो वायुमंडल क्या है ? पल्लवी, वायुमंडल में मुख्य रूप से दो गैसें होती हैं – नाइट्रोजन और ऑक्सीजन  ⃓ इनमें से नाइट्रोजन करीब 78 प्रतिशत और ऑक्सीजन करीब 21 प्रतिशत होती है  ⃓ परन्तु, यह तो 99 प्रतिशत ही हुआ  ⃓ बाकी जो एक प्रतिशत है, उसमें बहुत ही कम मात्रा में आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, नियान, हीलियम, क्रिप्टन, जेनोन और ओजोन नामक गैसें पाई जाती हैं  ⃓ 

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धरती का सुरक्षा कवच

आगे दादा जी पल्लवी को संबोधित करते हुए कहते हैं कि पल्लवी, यह जो ओजोन है, यह हमारी पृथ्वी से ऊपर करीब 15 से 40 किलोमीटर की ऊँचाई की परत में पाई जाती है  ⃓ वायुमंडल की यह परत  समतापमंडल  या अंग्रेजी में  स्ट्रेटोसफियर कहलाती है  ⃓  पल्लवी, तुम्हे पता है, पृथ्वी की सतह से 15 किलोमीटर ऊपर तक क्षोभमंडल या ट्रोपोस्फीयर, फिर समतापमंडल या स्ट्रेटोस्फियर जिसमें ओजोन गैस पाई जाती है  ⃓ 40 से 80 किलोमीटर तक मध्यमंडल, 80 से 300 किलोमीटर तक तापमंडल या थर्मोस्फीयर और 300 से 700 किलोमीटर तक बहिर्मंडल  ⃓ वहाँ तक तो हवा बहुत ही हल्की यानी विरल हो जाती है  ⃓ उसके बाद असीम अंतरिक्ष है  ⃓ 

दादा जी पल्लवी से कहते हैं कि सूर्य से पृथ्वी की ओर जो प्रकाश आता है, उसमें बड़ी तेज पराबैंगनी यानी अल्ट्रावायलेट किरणें भी होती हैं  ⃓ वे अगर सीधी पृथ्वी पर पहुँच जाएँ तो उनसे मनुष्यों, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का जीवन खतरे में पड़ सकता है  ⃓  तेज पराबैंगनी किरणें को ओजोन की परत समतापमंडल में ऊपर ही रोक लेती है  ⃓ इसलिए ओजोन की इस परत को सुरक्षा-कवच कहते हैं  ⃓  पल्लवी, तुम जानती हो, वैज्ञानिक कई सालों से चेतावनी दे रहे हैं कि ओजोन की परत में छेद हो रहा है  ⃓ यह परत कमज़ोर पड़ रही है  ⃓ इसके कारण तेज पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पड़ेंगी  ⃓ उनसे लोगों को चमड़ी का कैंसर हो सकता है, शरीर गल सकता है  ⃓ इसलिए वे कह रहे हैं कि इस परत को बचाओ  ⃓ सुरक्षा-कवच को मजबूत करो  ⃓ इस परत को कमज़ोर करने वाले रसायनों को रोको  ⃓ पल्लवी, जो रसायन मुख्य रूप से ज़िम्मेदार है, वह सी.एफ.सी. (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) है  ⃓ इसके अलावा खेतों में जो रसायनिक उर्वरक डालते हैं उनसे निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड और हवाई जहाजों से निकलने वाली गैसों का धुआं भी ओजोन की परत को नुक्सान पहुंचाते हैं  ⃓

पल्लवी, अब तुम सोच रही होगी, ये सी.एफ.सी. रसायन आख़िर हैं क्या और आते कहाँ से हैं  ⃓ तो समझ लो ये हम मनुष्यों की ही दें है  ⃓ हम इन रसायनों से अपने फ्रीज़ और एयरकंडीशनर चला रहे हैं  ⃓ हम इन्हीं से इलेक्ट्रॉनिक कल-पुर्जों की सफाई कर रहे हैं और हमारी स्प्रे करनेवाली चीजों में भी ये रसायन होते हैं  ⃓ इन रसायनों का हम जितना कम उपयोग करेंगे, ओजोन का सुरक्षा-कवच उतना मजबूत रहेगा…|| 

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धरती का सुरक्षा कवच पाठ के प्रश्न उत्तर  

प्रश्न-1 पल्लवी को ओज़ोन की याद क्यूँ आ गई ? 

उत्तर- पल्लवी, अखबार में पढ़ी होगी कि ओजोन की परत में छेद हो रहा है  ⃓  वह कमज़ोर पड़ रही है, जो बड़ी चिंता का विषय है | इस प्रकार पल्लवी को ओज़ोन की याद आ गई होगी | 

प्रश्न-2 ‘समतापमंडल’ या ‘स्ट्रेटोस्फियर’ किसे कहते हैं ? 

उत्तर- पृथ्वी के ऊपर करीब 15 से 40 किलोमीटर की ऊँचाई तक जो परत पाई जाती है, उसे ‘समतापमंडल’ या ‘स्ट्रेटोस्फियर’ कहते हैं | 

प्रश्न-3 ओज़ोन की परत को सुरक्षा-कवच क्यूँ कहते हैं ? 

उत्तर- सूर्य से पृथ्वी की ओर जो प्रकाश आता है, उसमें बड़ी तेज पराबैंगनी यानी अल्ट्रावायलेट किरणें भी होती हैं  ⃓  वे अगर सीधी पृथ्वी पर पहुँच जाएँ तो उनसे मनुष्यों, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का जीवन खतरे में पड़ सकता है  ⃓  तेज पराबैंगनी किरणें को ओजोन की परत समतापमंडल में ऊपर ही रोक लेती है  ⃓ इसलिए ओजोन की इस परत को सुरक्षा-कवच कहते हैं | 

प्रश्न-4 वायुमंडल में मुख्य रूप से कौन-सी दो गैसें होती हैं और उनका प्रतिशत कितना है ? 

उत्तर- वायुमंडल में मुख्य रूप से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन दो गैसें होती हैं |इनका प्रतिशत क्रमशः 78 और 21 होता है | 

प्रश्न-5 पराबैंगनी किरणें कैसे लाभदायक हैं और कैसे हानिकारक ?

उत्तर- सुबह-सुबह वायुमंडल की मोटी परतों को पार करके हमारी धरती तक जो पराबैंगनी किरणें पहुँचती हैं, वे हलकी होती हैं और शरीर के लिए लाभदायक होती हैं | 

प्रचंड पराबैंगनी किरणें यदि सीधी धरती पर आ जाएँ तो जीव-जंतु तड़प-तड़पकर मर जाएँगे और पेड़-पौधे सूख जाएँगे | इससे धरती पर जीवन नष्ट हो जाएगा | यही पराबैंगनी किरणें हानिकारक होती हैं | 

प्रश्न-6 सी.एफ.सी. रसायन कहाँ से आते हैं ? 

उत्तर- हम इन रसायनों से अपने फ्रिज और एयरकंडीशनर चला रहे हैं | हम इन्हीं से इलेक्ट्रॉनिक कल-पूरजों की सफाई कर रहे हैं और हमारी स्प्रे करने वाली चीज़ों में भी ये रसायन होते हैं, जैसे हमारे खुशबूदार डियो में | 

प्रश्न-7 पाठ के आधार पर सही शब्द भरकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए — 

सी.एफ.सी., विटामिन डी., पराबैंगनी, रज़ाई, सुरक्षा-कवच 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं – 

(1)- रजाई 
(2)- विटामिन डी 
(3)- पराबैंगनी 
(4)- सी.एफ.सी. 
(5)- सुरक्षा कवच 

प्रश्न-8 द्वंद्व समास वाले पाँच शब्द लिखिए — 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं – 
• रात-दिन — रात और दिन 
• माता-पिता — माता और पिता 
• कम-ज्यादा — कम या ज्यादा 
• पेड़-पौधे — पेड़ और पौधे
• जीव-जंतु — जीव और जंतु   

प्रश्न-9 दिए गए शब्दों में से छाँटकर लिखिए कि व्याकरण की दृष्टि से कौन से शब्द पुल्लिंग की श्रेणी में आते हैं और कौन से स्त्रीलिंग की श्रेणी में — 
खुशी, कवच, हर्ष, पृथ्वी, वायुमंडल, परत, चीज़ अनुमान, किरण, प्रकाश 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं – 

• पुल्लिंग — हर्ष, कवच, वायुमंडल, अनुमान,प्रकाश
• स्त्रीलिंग — खुशी, पृथ्वी, परत, चीज़, किरण, 

प्रश्न-10 दिए गए शब्दों में अनुस्वार (ं) और अनुनासिक (ँ) लगाकर पुनः लिखिए — 

उ. निम्नलिखित उत्तर हैं – 
• पाच — पाँच 
• सकट — संकट 
• ऊचाई — ऊँचाई 
• अतरिक्ष — अंतरिक्ष 
• जतु — जंतु 
• लूगा — लूँगा 
• परतु — परंतु 
• मुह — मुँह 
• आख — आँख 
• मडल — मंडल 
• सास — साँस 
• अग्रेज़ी — अंग्रेज़ी 

प्रश्न-11 आप ‘र’ के विभिन्न रूपों से परिचित हैं | पाठ से छाँटकर प्रत्येक के तीन-तीन उदाहरण लिखिए — 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं – 

• सागर, तैयार, रवि 
• सूर्य, कर्म, आशीर्वाद 
• प्रकार, क्रम, प्रसाद 
• ट्रक, ट्रेन, ड्रम 

प्रश्न-12 दिए गए वाक्यों के आगे सरल, संयुक्त या मिश्रित लिखिए — 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं – 

क.  संयुक्त 
ख.  सरल 
ग.   मिश्रित 
घ.   संयुक्त 
ड.   सरल 
च.   मिश्रित 

(नोट :- उक्त प्रश्न का सिर्फ उत्तर लिखे गए हैं | प्रश्न वाक्य के लिए आप अपने पाठ्य पुस्तक देखें |)

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धरती का सुरक्षा कवच पाठ के शब्दार्थ   

• हर्ष – ख़ुशी 
• ललक – तीव्र इच्छा 
• जिज्ञासा – जाने की इच्छा 
• तमाम – बहुत सारी 
अन्यथा – नहीं तो 
कवच – बख्तर 
• परत – तह, स्तर 
• अनुमान – अंदाजा 
• सतह – ऊपरी भाग 
• विरल – बहुत कम 
• असीम – जिसकी सीमा न हो 
• अंतरिक्ष – पृथ्वी और स्वर्ग के बीच का स्थान,आकाश 
• प्रचंड – अति तीव्र, प्रखर 
• रसायन – केमिकल 
• उर्वरक – खाद| 

                             

© मनव्वर अशरफ़ी 

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