नया साल

नया साल

जिस दिन माँ की भौहें मुस्कुरा देगी,
उस दिन नया साल होगा !

नया साल
नया साल

जिस दिन पिता की छाती तन जायेगी ,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन बहन की आँखे चमक जायेगी ,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन पत्नी की बाछें खिल जायेगी,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन दादा मेरे साहारे चलेगें,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन दादी का हाथ मेरे सिर होगा,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन किसान फसले देखकर मुस्कुरायेगें,
इस दिन नया साल होगा !
जिस दिन भूखे बच्चो को खाना मिलेगा,
उस दिन नया साल होगा!
जिस दिन वीर सैनिक घर आयेगें,
इस दिन नया साल होगा !
जिस दिन बेघर को घर मिलेगा ,
उस दिन नया साल होगा !
जिस दिन समाज भयमुक्त होगा ,
इस दिन नया साल होगा !
जिस दिन नया साल होगा नए दिन में ,
इस दिन नया साल होगा……

यह रचना राहुलदेव गौतम जी द्वारा लिखी गयी है .आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है . आपकी “जलती हुई धूप” नामक काव्य -संग्रह प्रकाशित हो चुका  है .
संपर्क सूत्र – राहुल देव गौतम ,पोस्ट – भीमापर,जिला – गाज़ीपुर,उत्तर प्रदेश, पिन- २३३३०७
मोबाइल – ०८७९५०१०६५४

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