गांधी जयंती पर कविता

गांधी जयंती पर कविता 

महात्मा सा उनका अवतार
देश-विदेश करें स्मरण बारंबार
पीर पराई को अपना बनाया
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया
ऊंचा ओहदा  भी उन्होंने ठुकराया
आम जन के मन को ही सिहासन बनाया
बुरा ना देखो

गांधी जयंती पर कविता

बुरा ना सुनो
और ना ही बुरा बोलो
बंदर द्वारा सदा यह सिद्धांत अपनाया
लंगोटी, सोटी, चश्मा गोल
कभी ना  किया किसी से मोल
अहिंसा का पुजारी का कहलवाया
बिना कुछ किए फिरंगी का पसीना छूट वाया
राष्ट्रपिता ,बापू सारी सब देश में कहलवाया
साबरमती के संत सा जीवन अपनाया
बहिष्कार विदेशी का कर स्वदेशी का डंका बजाया
पर सेवा परमो धर्म
मुख्य धर्म का यही उपदेश समझाया
एक हम हैं, हमसे जग है
दीन हीन के लिए, सूट बूट ठुकराया
अपने तो अपने, विदेशी को भी
हमेशा गले लगाया
तभी तो सात समंदर पार तक
तख्तो ताज हिलाया
जात- पात, ऊंच नीच का भेदभाव
मिटाकर, जन जन से मिलन बनाया
सिद्धांत वादी आप का सिद्धांत
अब तक देशवासियों ने अपनाया
स्वच्छता ही जीवन है
स्वच्छ भारत अभियान चलाया
महात्मा बापू, राष्ट्रपिता तुम सा ना कोई और इस जग में आया
इस जग में आया

– सोनिया अग्रवाल 
प्राध्यापिका अंग्रेजी
राजकीय पाठशाला सिरसमा
कुरूक्षेत्र

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