नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध सुभाष चंद्र बोस पर निबंध नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर निबंध हिंदी में Subhash Chandra Bose in Hindi Essay on Netaji Subhas Chandra Bose in Hindi Hindi Essay on Subhash Chandra Bose – अंग्रेजी साम्राज्यवाद के विरुद्ध सशक्त रूप से बगावत बुलंद करने वाले तथा तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हे आजादी दूंगा के नारे की गर्जना करने वाले सुभाषचंद्र बोस का जन्म ३ फ़रवरी ,१८९७ ई. को उड़ीसा के कटक में हुआ था . 

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय – 

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
इनके पिता राय बहादुर जानकीदास वकील थे। नेताजी की प्रारंभिक शिक्षा – दीक्षा उड़ीसा के कटक में हुई थी। नेताजी इसके बाद बी.ए. की परीक्षा पास करके आई.सी.एस. की प्ररीक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। बाद से लौटकर एक सरकारी नौकरी में अधिकारी पद पर नियुक्त हुए। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर देशसेवा का व्रत लिया और बंगाल के प्रसिद्ध देशभक्त चितरंजन दास के बताये देश सेवा के मार्ग पर चल पड़े. 
वे कांग्रेस पार्टी में सम्मिलित हुए। उन दिनों कांग्रेस में गरम और नरम दोनों प्रकार के दल हुआ करते थे। यद्यपि नेता जी गरम दल के नेता थे। फिर वे गांधी जी का सम्मान करते थे। पर उन्होंने बाद में गाँधी जी से विचारों में मतभेद के कारण कांग्रेस पार्टी छोड़ दी।  

आजादी की लड़ाई में योगदान –

सन १९४२ में वे जापान गए। वहां उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिन्द फ़ौज का गठन किया। साधनों की कमी होने के बावजूद भी उन्होंने ब्रिटिश फ़ौज से डटकर लोहा लिया ,परन्तु विजयश्री न पा सके।  
२० अगस्त ,१९४५ को टोकियो रेडियो ने एक समाचार प्रसारित की कि सुभाषचंद्र एक विमान दुर्घटना में मारे गए ,परन्तु लोगों को इस पर विश्वास नहीं हुआ। परिणामत: इनकी मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है।  आज भी जय हिंद का नारा तथा कदम कदम बढ़ाये जा गीत सभी भारतवासियों के कानों में गूंज रहे हैं।  

नौजवानों के प्रेरणास्रोत –

नेता जी सुभाषचंद्र आज भी हमारे देश के नौजवानों के प्रेरणास्रोत हैं।उनकी आजाद हिन्द फ़ौज के सैनिकों को ,देश की आजादी के बाद स्वतंत्रता सेनानी होने का गौरव भारत सरकार ने दिया। 

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