पत्रिका का ग्राहक बनने के लिए पत्र
Letter for Magazine Subscription
सेवा में ,
श्रीमान संपादक महोदय ,
जनसाहित्य पत्रिका
लखनऊ – ७५
विषय – पत्रिका का ग्राहक बनने के लिए प्रार्थना
महोदय ,
निवेदनपूर्वक सूचित करना है कि मैंने आपकी पत्रिका जनसाहित्य अपने महाविद्यालय के पुस्तकालय में देखी। जब मैं कोई रोचक पत्रिका तलाश कर रहा था ,तो मेरी नज़र इस पत्रिका के आकर्षक रंगीन कवर पर पड़ी। मैंने पत्रिका को लेकर पढ़ा। यह पत्रिका मुझे बड़ी रोचक और ज्ञानवर्धक प्रतीत हुई। इसमें विचार – प्रधान लेख ,राजनीति सम्बंधित सामग्री ,रंगीन चित्रों का संयोजन साथ ही फ़िल्मी ख़बरें ,लेख एवं नेतागण की समालोचनाएँ बड़े उत्तम ढंग से पढ़ने को मिलती है। पठनीय सामग्री तथा रंगीन चित्रों का संयोजन उत्तम है। विद्यार्थियों को इस प्रकार की पत्रिकाएँ अवश्य पढनी चाहिए। मुझे यह पत्रिका बहुत पसंद आई। इस पत्रिका के लेख को पढ़कर उन्हें राजनीति व अन्य विषय सम्बन्धी जानकारी होती है। Patrika Ka Grahak Banne Par Patra
विद्यार्थियों के लिए यही जानकारी आगे चलकर बहुत काम आती है। मैंने इस पत्रिका को पढ़ने के बाद ऐसा मन बना लिया है कि मैं इसका नियमित ग्राहक बनूँगा। यह पत्रिका मेरे घर पर उपलब्ध रहे ताकि घर के अन्य सदस्य भी इसे पढ़ सके और ज्ञानार्जन कर सके। इस पत्रिका का नियमित ग्राहक बनने के लिए मुझे क्या करना होगा।
कृपया इस पत्रिका का वार्षिक मूल्य लिखकर भेज दें ताकि हम उसी हिसाब से धनादेश के द्वारा इसका मूल्य भेज सकें।
पत्र का उत्तर शीघ्र देने का कष्ट करें और कोई विशेष जानकारी या सूचना देनी हो तो कृपया अपने पत्र में लिख दें।
सधन्यवाद
आपका विश्वासपात्र
रजनीश सिंह
१२५ ,विकासनगर ,
लखनऊ – ७५
दिनांकः ०२/०६/२०२२
विडियो के रूप में देखें –